रायगढ़. इतिहास में यह बहुत कम देखने को मिलता है जब कोई शव यात्रा में जुआ व सट्टा जैसी कुरोतियों को बंद करने की मांग और इसमें सीधे-सीधे पुलिस को घेरने का मुद्दा हो। ऐसा ही एक नजारा आज शहर के माल धक्का इलाके से लेकर कयाघाट स्थित मुक्तिधाम तक देखने को मिला जब युवा व्यवसायी के शव यात्रा मंे शामिल लोगों ने हाथों में तकतियां लेकर जुआ सट्टा के खिलाफ मोर्चा खोला।
इन तख्तियों में जुआ सट्टा के चलते कर्ज से परेशान होनें वाले लोगों की असमय मौत तथा बढ़ते कर्ज से परेशान होते परिवार के अलावा पुलिस और सट्टेबाजों की मिलीभगत पर ज्यादा जोर था। लेकिन यहां यह बताना लाजमी होगा कि आज शहर में एक नही बल्कि दो लोगों ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है और इन दोनों मामलों में सिटी कोतवाली पुलिस शिकायत के बाद न केवल जांच कर रही है बल्कि जिला पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीना ने कड़े निर्देश पर उन लोगों की तलाश कर रही है जिसका मुख्य काम जुआ व सट्टा खिलाना हो। चूंकि आज के प्रदर्शन में भी लोगों का टारगेट जुआ खेलने वालों के खिलाफ नही बल्कि खिलाने वालों के खिलाफ था और टारगेट पुलिस को बना दिया गया। जबकि होना यह चाहिए कि परिवार वाले अगर अपने उस व्यक्ति को बार-बार जुआ और सट्टा में संलिप्त पाये जाने के अलावा पुलिस में मामला दर्ज होनंे के बावजूद भी सही राह पर नही ला पाते और जब वो व्यक्ति दुनिया से उठ जाता है तब इसकी जिम्मेदार दूसरे पर थोप देना आम बात हो गई है। यहां भी ऐसा ही होता दिख रहा है। हम यह नही कहते कि जुआ और सट्टा एक सामाजिक बुराई नही है यह बात भी सच है कि आज रायगढ़ ही नही बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में शराब और शबाब के साथ जुआ सट्टा की लत में सर्वाधिक युवा फंस चुके हैं और इनको निकालने के लिये बड़ी पहल भी जरूरी है।
एक जानकारी के अनुसार रायगढ़ शहर के मालधक्का इलाके में रहने वाले मयंक मित्तल ने कल शाम अपने घर के पास स्थित गोदाम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी और इस आत्महत्या के बाद शहर में जुआ सट्टा को लेकर उठाया गया कदम बताते हुए समाज के लोगों ने इसे एक मुद्दा बनाकर जनहित में पुलिस से ऐसे मामलों पर कडी से कडी कार्रवाई करने की मांग करते हुए मृतक युवक के घर से लेकर कयाघाट तक अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। एक जानकारी के अनुसार इस आत्महत्या के पीछे परिजनों के अनुसार क्रिकेट सट्टा में लाखों रुपय हारने के बाद सटोरियों द्वारा उसे परेशान करना बताया जा रहा है। वही क्रिकेट सट्टा सहित सामान्य सट्टा शहर में खुले आम चल रहा है।
यदा कदा छोटे खाईवालों पर कार्रवाई कर पुलिस अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर लेती है। वही बड़े खाईवाल आराम से क्रिकेट सट्टा व सामान्य सट्टा बेखौफ हो कर खिला रहे है। इसी का परिणाम है कि कर्जदार बन युवा आत्महत्या कर रहे है। वही पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे है। इस बात को लेकर शहरवासियों में भी काफी आक्रोश देखा जा रहा है। आज मयंक मित्तल के शव यात्रा में भी लोगो का आक्रोश दिखा और जुआ सट्टा को पूर्ण बन्द करने की अपील की तख्ती लेकर लोग शव यात्रा में शामिल हुए।
क्या कहते हैं पुलिस अधीक्षक
इस पूरे मामले में हमने जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीना से जब बात की तो उनका कहना था कि आज एक जानकारी आई और उसमें जांच की जा रही है। चूंकि इस मामले में परिवारजनों का आरोप था कि जुआ और सट्टा के चलते मयंक मित्तल की जान गई है। उन्होंने बताया कि जिस युवक ने आत्महत्या की है वह पहले भी अंश होटल में जुआ खेलने के मामले में गिरफ्तार हो चुका है फिर भी पुलिस जुआ और सट्टा जैसे गंभीर मामलों में लगातार कार्रवाई कर रही है और इस संबंध में अगर जांच के बाद कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी कडी कार्रवाई की जाएगी। अभिषेक मीना का यह भी कहना है कि जिले में ऐसे संवेदनशील मामले में पुलिस हमेशा जनता के साथ है और छोटी से लेकर बड़ी शिकायत तक हर जुआरी और सटोरियों के विरूद्ध पहले भी कार्रवाई जारी थी और अभी भी लगातार जारी है। अभी तक मयंत मित्तल की आत्महत्या मामले में जानकारी पूरी तरह नही मिली है और थाना प्रभारी इसकी जांच कर रहे है और हर पहलू को लेकर इसके तथ्यों तक पहुंचने की भी कोशिश जारी है।