कोरोनावायरस के मामले में यह सोचना जरूरी नहीं है कि शरीर के किस अंग पर प्रभाव पड़ा है। इससे ज्यादा यह सोचना जरूरी है कि कोरोना ने शरीर का कोई अंग छोड़ा भी है या नहीं। आज हम बात करेंगे उस अंग की जिस पर दुनिया का वजूद टिका है- जी मैं सेक्स की बात कर रहा हूं। लोग जानना चाहते हैं कि कोविड से रिकवरी के कितने दिन बाद सेक्स करना सुरक्षित होता है।
जब भी हम कोरोना के इफेक्ट या दुष्प्रभाव पर विचार करते हैं, तो इन पर आए कुछ शोधों को पढ़ लेना जरूरी है। पर उससे पहले मुझे अल्बर्ट आइंस्टीन पर आधारित एक किस्सा याद आता है। उनसे जीवन के अंतिम वर्षो में एक पत्रकार ने पूछा था, आप अपनी इतनी बड़ी उपलब्धि पर कैसा महसूस करते हैं?
इस पर उनका जवाब था, “मुझे नहीं पता कि मैं दुनिया को क्या दिखता हूं, लेकिन मुझे लगता है कि मैं एक बच्चे की तरह समुद्र के किनारे खेल रहा हूं, और साधारण से बेहतर अधिक चिकना कंकड़ या सुंदर सीप ढूंढ रहा हूं। जबकि सत्य का महान महासागर मेरे सामने अनदेखा मौजूद है।
कुछ कुछ ऐसा ही दुनिया भर के वायरोलोजिस्ट का हाल है। एक तो जब यह सोचने लगते हैं कि हम कोरोनावायरस के बारे में कुछ जानते हैं, तो यह पता चलता है कि हम अभी बहुत कुछ नहीं जानते। क्या फरवरी 2019 में हमने सोचा था कि लोगों को मास्क पहनना पड़ेगा!
कोविड और सेक्स
सेक्स की बात करते हैं, तो दो सवाल खड़े होते हैं क्या कोरोना सेक्स ड्राइव पर कोई दुष्प्रभाव डालता है? और दूसरा क्या कोरोना पीड़ित या कोरोना से ठीक हुआ व्यक्ति अपने पार्टनर को कोरोना से संक्रमित कर सकता है?