बैतूल। बैतूल जिले में सोने की गिन्नी और बिस्किट बताकर नकली बेचकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के 4 सदस्यों को पकड़ने में पुलिस को कामयाबी मिली है। बैतूल के पारधी ढाना में पीतल की गिन्नी और बिस्किट बनाने का काम किया जाता था। पुलिस ने आरोपितों को पीतल की प्लेट, कटर एवं अन्य सामान मुहैया कराने वाले व्यापारी को भी गिरफ्तार किया है। हालांकि गिरोह का मुख्य सरगना पुलिस के शिकंजे से अभी तक बाहर है।
बुधवार को पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित पत्रकार वार्ता में एसपी सिमाला प्रसाद ने बताया कि इस गिरोह के द्वारा छिंदवाड़ा जिले के अविनाश करड़े को असली सोना बताकर पीतल थमा दिया था। शिकायत पर साईंखेड़ा पुलिस द्वारा अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना शुरू की तो बड़े गिरोह का भंडाफोड़ हो गया। गिरोह के सरगना अलगीर पारधी द्वारा अपने साथी पारधीढाना निवासी सिलाजीत पारधी, हरियल पारधी, दिवाकर पारधी और मनसिंह पारधी के साथ मिलकर बैतूल के अलावा प्रदेश के कई जिलों एवं पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र में भी असली के नाम नकली गिन्नी थमाकर ठगी की जाती थी।
एसपी ने बैतूल एसडीओपी नितेश पटेल के नेतृत्व में टीम बनाकर संदेह के आधार पर 4 पारधियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। आरोपितों ने सारी जानकारी पुलिस को दी। जिसके बाद सिलाजीत, हरियल, दिवाकर, मनसिंह के पास से गिन्नी बनाने वाला पीतल, औजार समेत 10 किलो असली सोने और नकली पीतल की गिन्नियां, 7 किलो पीतल के बिस्किट बरामद किए गए हैं। एसपी ने बताया कि सोने की गिन्नियां बनाकर लोगों को ठगने वाले यह लोग पीतल की गिन्नियां पारधी ढाना में अपने घरों में बनाते थे। पीतल की धातु की सीट ये लोग सचिन पिता रमेश सोनी से खरीदते थे।
एसपी ने बताया कि पकड़े गए आरोपितों के द्वारा सुनियोजित ढंग से लोगों को यह बताते थे कि उन्हें गड़ा हुआ धन मिला है इसे बेचना है। नमूने के रूप में असली सोने की गिन्नियां देते थे। इनके झांसे में आकर लोग सोना खरीदने का सौदा कर लेते हैं। चयनित स्थान पर गिरोह के सदस्य खरीददार को बुलाकर रकम लेकर नकली गिन्नियां थमा देते थे और पुलिस के आने का खतरा बताकर तत्काल वहां से चले जाते थे। इसके बाद आरोपी तुरंत निकल जाते थे।
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