रायगढ़। मासूम बच्चे देश का भविष्य है लेकिन इस भविष्य को रायगढ़ में कुछ भूमाफिया और दलालों की ओर से निजी स्वार्थ के लिए दांव पर लगा दिया जा रहा है। ताजा मामला रायगढ़ के ढिमरापुर रोड का है जहां कुछ लोगों की ओर से हाल ही में स्कूल के नन्हे-मुन्ने बच्चों को कलेक्ट्रेट भेज दिया गया और उनसे कलेक्टर को यह ज्ञापन दिलवाया गया कि उनके स्कूल जाने का रास्ता अवरुद्ध कर दिया गया है।
मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने जांच का आदेश दिया और जब जांच हुई तो इस बात का खुलासा हुआ कि बच्चे खुद ब खुद नहीं आए थे बल्कि कुछ भू माफियाओं और दलालों की ओर से बच्चों का इस्तेमाल किया गया था। पटवारी प्रतिवेदन मैं यह बताया गया कि बच्चों के स्कूल जाने का मार्ग अवरुद्ध नहीं किया गया है बल्कि जिस जमीन पर भूस्वामी समतलीकरण कर रहा है वह उसकी निजी भूमि है।
क्या है पूरा मामला
ढिमरापुर रोड चावला फर्नीचर गली पर श्यामसुंदर कॉलोनी के नाम से भूमि का समतलीकरण किया जा रहा है। इससे व्यथित होकर कुछ लोगों ने संबंधित विभागों को शिकायत की थी फिर जनदर्शन में 1 दिन अचानक नन्हे-मुन्ने बच्चों को लेकर कुछ लोग पहुंच गए उनकी ओर से कलेक्टर को या ज्ञापन दिलवाया गया कि बच्चों के स्कूल जाने का रास्ता प्रभावित हो रहा है। कलेक्टर ने जब पटवारी को जांच का आदेश दिया तो यह पाया गया कि यह शिकायत निराधार है और झूठी है। उक्त जमीन के डेवलपमेंट से बच्चों के स्कूल का आना जाना कतई प्रभावित नहीं हो रहा है ।
क्या है विवाद की असल वजह
अवैध कब्जे का है जहां 6 परिवार कॉलोनाइजर की जमीन पर अवैध कब्जा कर रह रहा है इसके साथ ही कॉलोनाइजर से मोटी रकम ऐंठने के लिए कुछ जमीन दलालों एवं भू माफियाओं की ओर से पूरे मामले को विवादित करके अपना स्वार्थ सिद्ध किया जाना है।
कब्जा धारियों का अपना अलग है तर्क
कालोनाइजर की उक्त जमीन पर 6 परिवारों का कब्जा है, अब इन कब्जा धारियों का कहना है कि यह यहां 25 साल से रह रहे हैं इनके पास बिजली कनेक्शन वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड सभी है। इसलिए यह जमीन अब इनकी है।