बिलासपुर। बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर विकासखंड के उचरवा ग्राम में गुरूसिन्धु का इलाका आज पर्यटकों के लिए पसंदीदा स्थल बन गया है। झारखंड से सटे इस इलाके में डेढ़ दशक पहले नक्सलियों का आतंक था। यही कारण रहा कि इलाके में बुनियादी सुविधाएं विकसित नहीं हो पाई। इसके बावजूद कई राज्यों के लोग गुरूसिन्धु ने कनहर नदी की खूबसूरती और पत्थरों से घिरे चौड़े पाट को देखने पहुंच रहे हैं।
जनपद पंचायत रामचंद्रपुर के उचरवा ग्राम के समीप गुरुसिंधु में कनहर नदी कुछ फीट के विशाल पत्थर के बीच से गुजरती है। नए साल के मौके पर यहां छत्तीसगढ़ के अलावा झारखंड और उत्तरप्रदेश जिले से लोग गुरुसिंधु पिकनिक स्पॉट घूमने पहुंचे। इस गांव के दूसरे छोर पर झारखंड राज्य के गढ़वा जिला का ग्राम चंपकली स्थित है। रामानुजगंज से 42 किलोमीटर दूर गुरुसिंधु के विकास के लिए ग्राम पंचायत द्वारा पहल की जा रही है।
यहां आने के बाद रखनी होगी सावधानी
ग्राम पंचायत उचरवा में स्थित गुरूसिन्धु के पास गोगा झरना भी है जहां कनहर नदी एक विशाल पत्थर से नीचे की ओर गिरती है। इसका मनोरम दृश्य देखते ही बनता है। इन सब के बीच यहां घूमने में थोड़ी सावधानी जरूरी है। बहते हुए शांत पानी और पत्थरों के बीच कुआंनुमा गहराई है। सचिव महेंद्र गुप्ता ने बताया कि शासन की पहल से काफी हद तक सड़क पक्की बन गई है परंतु अभी भी पहुंच मार्ग तक कच्ची सड़क है। यहां मुरुम डलवाया जा रहा है। पर्यटकों के वाहनों को खड़ा करने पार्किंग सहित पेयजल हेतु हैंडपंप की व्यवस्था की जा रही है।
दहशत से कोई नहीं आता था इलाके में
आज गुरुसिंधु मे लोग बिना किसी डर भय के पिकनिक मना रहे हैं। डेढ़ दशक पहले स्थिति विपरीत थी। सिलाजु, दोलंगी, और उचरवा में नक्सलियों का जमावड़ा रहा करता था। लोग यहां दहशत में थे। उस वक़्त एसपी एसआरपी कल्लूरी की पदस्थापना होने के बाद नक्सलियों का आतंक धीरे-धीरे खत्म हो गया। आज लोग अपने पूरे परिवार के साथ यहां पिकनिक मनाने पहुंच रहे हैं।