रायगढ़. छत्तीसगढ़ का रायगढ़ जिला चारो तरफ जंगलों से घिरे होनें से कारण यहां के जंगलों में कई प्रकार के वन्यप्राणी पाये जाते हैं। जिनकी मौजूदगी आए दिन देखने को मिलते रहती है। खासकर ये वन्यप्राणी गर्मियों के दिनों में भोजन व पानी की तलाश में शहरी क्षेत्रों की ओर अक्सर असानी से देखे जा सकते हैं। अगर हम बात करें जंगली हाथी की तो यहां एक लंबे अर्से से जंगली हाथियों की समस्याओं से जूझ रहा है।
रायगढ़ और धरमजयगढ़ वन मंडल के अलावा छाल रेंज के घने जंगल जंगली हाथियों की मनपसंद जगहों में से एक है इसलिये यहां हमेशा ही जंगली हाथियों की मौजूदगी रहती है, भले ही बीच- बीच में इनकी संख्या घटते-बढ़ते रहती है। अभी वर्तमान हालात की बात करें तो रायगढ़ जिले के जंगलों में 80 जंगली हाथियों का दल विचरण कर रहा है। जिसमें रायगढ़ वन मंडल में 15 जंगली हाथी, धरमजयगढ़ वन मंडल के बायसी गांव में सर्वाधिक 31 जंगली हाथी के अलावा छाल रेंज के हाटी में 21 हाथी के अलावा धरमजयगढ़ व छाल रेंज के अलग-अलग गांवों में भी जंगली हाथियों की मौजूदगी है। इनमें 19 नर हाथी, 41 मादा के अलावा 20 शावकों शामिल है।
- बढ़ती संख्या से ग्रामीणों में दहशत
रायगढ़ जिले में एक बार फिर से जंगली हाथियों की संख्या में इजाफा होनें से जहां हाथी प्रभावित गांव के ग्रामीण दहशत में आ गए हैं। कई गांव के ग्रामीण ऐसे हैं जो रतजगा करके अपनी फसलों की रखवाली करने पर विवश हो गए हैं। वहीं वन विभाग के द्वारा भी गांव-गांव में मुनादी कराकर ग्रामीणों को अकेले जंगल की तरफ नही जाने की सलाह दी जा रही हैं साथ ही जंगली हाथी के दिखने पर उसके नियमित दूरी बनाये रखने की बात कही जा रही है। - ड्रोन कैमरे से की जा रही निगरानी
छाल रेंज के हाटी परिसर में विचरण कर रहे जंगली हाथियों को ड्रोन के माध्यम से ट्रैकिंग करने पर क्षेत्र में 21 जंगली हाथी होना पाया गया है। हाथी प्रभावित क्षेत्रों में हाथी ट्रैकिंग दल एवं हाथी मित्र दल के द्वारा गांव-गांव में मुनादी कराकर प्रचार-प्रसार की जा रही है। - यहां फसलों को पहुंचाया नुकसान
जंगली हाथियों के द्वारा धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र के ओंगना बीट के अंतर्गत आने वाले ग्राम दर्रीडीह, शेरबंद में तीन किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाया गया है। वहीं छाल रेंज के सिंघीझाप में दो किसानों की धान की फसल के अलावा सिथरा में भी एक किसान के धान की फसल को नुकसान पहुंचाया गया है।