द्वारका जिला के बागडोला गांव में 10 साल की मासूम बच्ची के साथ हुई हैवानियत ने हर किसी को हिलाकर रख दिया। पायलट महिला और उसके पति ने 10 साल की मासूम को अपने बच्चे की देखभाल करने के लिए रखा था। लेकिन उन्होंने मासूम के साथ ऐसी दरिंदगी की कि जिसे देख हर किसी की रूह कांप उठे। अपने बच्चे की देखभाल के नाम पर आरोपी उससे साफ-सफाई, बर्तन-कपड़े धुलवाने के अलावा घर के बाकी काम करवा रहे थे। छोटी-छोटी गलतियों पर उसे बेलन, लात-घूंसों से पीटने के अलावा प्रेस से जलाया जाता था।
इस मामले में पुलिस ने महिला पायलट और उसके पति को कोर्ट में पेश किया। दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। बृहस्पतिवार को अदालत में पेश करने से पूर्व थाने में फॉरेंसिक साइकोलॉजिस्ट ने महिला पायलट के पति कौशिक बागची से पूछताछ की। पुलिस सूत्रों का कहना है कि मासूम के साथ दरिंदगी करने के बाद भी उनको अपने किए पर कोई अफसोस नहीं है। पुलिस की पूछताछ में लगातार महिला पायलट पूर्णिमा और उसका पति कौशिक बागची झूठ बोले जा रहे थे। पुलिस ने आरोपी दंपती पूर्णिमा और कौशिक से मारपीट करने के मामले में एक अलग मामला दर्ज किया है। इस संबंध में पुलिस ने मासूम बच्ची के तीन पड़ोसियों को गिरफ्तार किया है। इनकी पहचान जतिन सिंह, गुड्डू और अनिल के रूप में हुई है। द्वारका सेक्टर-8 स्थित बागडोला गांव में महिला पायलट और उसके पति ने मासूम को अपने बच्चे की देखभाल के लिए काम पर रखा था।
मामले की जांच कर रहे एक अधिकारी ने बताया कि मामला दर्ज कर बुधवार शाम को ही महिला पायलट पूर्णिमा को कोर्ट में पेश कर दिया गया था। चूंकि इनका बच्चा ढाई साल का था, इसलिए उसकी देखभाल के लिए रिश्तेदारों का इंतजार किया गया। बृहस्पतिवार को बच्चा पूर्णिमा और कौशिक के रिश्तेदारों के हवाले कर दिया गया। बाद में बृहस्पतिवार को कौशिक को कोर्ट में पेश किया गया। पूछताछ के दौरान आरोपी ने पुलिस को बताया कि उन्होंने अपने बच्चे की देखभाल करने के लिए मासूम को रखा था। मासूम के माता-पिता को 10 हजार रुपये देने की बात की गई थी। जांच के दौरान यह भी पता चला है कि आरोपियों ने मासूम के परिवार को फिलहाल एक भी रुपया नहीं दिया।
द्वारका साउथ थाना क्षेत्र के बागडोला गांव में 10 साल की मासूम के साथ हैवानियत का मामला सामने आते ही उसको नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में उसका मेडिकल परीक्षण हुआ। डॉक्टरों ने पुलिस को बताया कि मासूम के साथ मारपीट और जलाने के निशान उसके शरीर पर मौजूद हैं। जांच के दौरान उसके साथ किसी भी तरह के यौन शोषण का पता नहीं चला है। पूछताछ के दौरान भी उसने ऐसी किसी भी हरकत से इनकार किया है। बृहस्पतिवार को एक बार फिर मासूम की काउंसलिंग करवाई। इसके बाद जेजे बोर्ड ले जाकर मासूम के 164 के बयान दर्ज करा लिए गए।
अस्पताल में इलाज के बाद मासूम को फिलहाल पुलिस ने चाइल्ड होम भेज दिया है। यहां उसकी काउंसलिंग कराने के अलावा एक्सपर्ट उसका ध्यान रख रहे हैं। इस घटना को लेकर पुलिस बेहद गंभीर है। महिला पायलट व उसके पति के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के बाद पुलिस मासूम के माता-पिता पर भी सख्त हैं। मामले की जांच कर रहे एक एक अधिकारी ने बताया कि बच्ची के माता-पिता ने जानबूझकर लालच में उसे काम पर छोड़ा था। इस बात को पुलिस जेजे बोर्ड में रखेगी। उसके माता-पिता अभी दिल्ली नहीं पहुंचे हैं। बृहस्पतिवार देर रात या शुक्रवार को उनके दिल्ली पहुंचने की संभावना जताई जा रही थी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पुलिस जेजे बोर्ड व बाल आयोग से सिफारिश करेगी कि बच्ची की कस्टडी फिलहाल उसके माता-पिता को न दी जाए।