महापौर..एम आई सी में जनता के हित में राशि छूट का प्रस्ताव रखे
जांच के लिए बने समिति दोषियों पर हो कार्यवाही
रायगढ़। रायगढ़ शहर के जनजीवन में योजनाओं में हितग्राहियों के साथ धोखा होता है और इसका भारी नुकसान उपभोक्ता उठाते हैं पर उनके द्वारा इस धोखे का विरोध किया जाए तो निश्चित ही लालफिता शाहियों की कर गुजरियो और मनमानियाँ सभी के सामने आती है और ऐसा ही हुआ रायगढ़ नगर पालिका के अन्तर्गत 154 करोड़ रूपए की योजना अमृत मिशन के जल प्रदाय योजना के कनेक्शन में जिसमे पानी नहीं मिला पर महीने का बिल जरूर दिया गया,इसमें वार्ड के नागरिकों के मध्य जागरूकता के लिए प्रयास निरंतर है कि बेमतलब का बिल निगम का मतदाता क्यों भरे।
रायगढ़ बचाओ- लड़ेंगे रायगढ़ के विनय शुक्ला,विनोद श्रीवास,अमन खूंटे,सोनू साहू, तन्मय प्रधान, मिंटू सिंह,विनोद जायसवाल, तीजेश,विनोद पटेल मुन्ना, कीरत,हेमदास,अनिल चीकू, आदि ने संयुक्त रूप से जिले के कलेक्टर कार्तिकेय गोयल के नाम ज्ञापन प्रस्तुत कर आग्रह किया कि रायगढ़ नगर निगम के अंतर्गत अमृत मिशन के 7 हजार के लगभग जल कनेक्शन पर अनेक भ्रांतियां हैं क्योंकि इतनी क्षमता ही नहीं है इस अमृत मिशन के योजना की कागजी हुए कनेक्शन अभी पानी ही नहीं दे पाया है और उससे पहले निगम के जल विभाग के द्वारा अनावश्यक रूप से बिल नगर के मतदाताओं को पटाने के लिए दे दिया है अनेक वर्षों पुराने कनेक्शन को लेकर उपापोह की स्थिति है जिसमें एक ही मकान में दशकों पुराने नल कनेक्शन और नए अमृत मिशन के कनेक्शन जल कनेक्शन दोनों के बिलों को पटाने के लिए निगम के अमले और कर्मचारियों ने दबाव बनाया है मसलन यह है कि उपभोक्ता को डबल मार पड़ रही है, क्योंकि दबाव में उसको एक ही मकान के दोनों कनेक्शन का बिल पटना पड़ रहा है और दोनो में पानी नहीं मिल रहा है क्योंकि पुराना कनेक्शन के सबमर्सिबल पंप को अमृत मिशन के चालू होने पर बंद कर दिया गया है और वर्तमान अमृत मिशन के जल कनेक्शन में पानी नहीं आ रहा है,इस पर नगर निगम मानवीय पहलू को न देखकर अपनी मनमानी करने में आमदा है ज्यादातर जल प्रदान करने वाले कनेक्शन वार्ड के निवासियों के बिना जानकारी में उनके घरों के आगे मीटर के ठोकने के साथ लगा दिया गया है और निगम के जल विभाग ने इसे करके अपनी इतिश्री कर ली है, जबकि पूर्व के कार्यपालन यंत्री और उनके कर्मचारी जो कि जल विभाग में पदस्थ हैं की मनमानियां के तमाशा से शहर के नागरिक बेहद हताहत भी हुए हैं और उक्त कार्यपालन यंत्री और कर्मचारी के द्वारा पुलिस विभाग के समक्ष आवेदन कर लगभग 1 हजार मीटर की चोरी किए जाने की जानकारियां भी प्रस्तुत पिछले दिनों कि है,गौरतलब है की जब पानी ही नहीं मिला तो बिल का वितरण कर भुगतान मांगना ज्यादती और अन्याय है।
रायगढ़ बचाओ- लड़ेंगे रायगढ़ के साथियों ने जिला प्रशासन,रायगढ़ से इस ज्ञापन में निवेदित किया कि निगम क्षेत्र के ज्यादातर वार्डों में गर्मी में अमृत मिशन का जल ही नहीं पहुंचा इसके कारण जनता ने आवेदन और मय साक्ष्य के साथ प्रशासन के समक्ष आग्रह किया था कि पुराना सबमर्सिबल पंप से पानी का वितरण चालू त्वरित करवाए जिसमें निगम ने पुनः सबमर्सिबल से पानी देना चालू करवाया ऐसे स्पष्ट इस योजना के असफल होने के सैकड़ो उदाहरण सामने है तो इस करोड़ की योजना में हुए भ्रष्टाचार की भी जांच जिला प्रशासन के अंतर्गत निश्चित करवानी चाहिए जिससे उपभोक्ताओं को बेमतलब के भुगतान देने से राहत मिलेगी।
इस ज्ञापन की प्रतिलिपि नगरीय प्रशासन विभाग के प्रभारी और उपमुख्यमंत्री अरुण साहू,जिला प्रभारी मंत्री राम विचार नेताम,निगम की महापौर जानकी काजू और वर्तमान आयुक्त,नगर निगम को भी त्वरित कार्यवाही हेतु निवेदित किया है कि इस मनमाने और स्वयंभू जल योजना के बिल देयक में हुए फर्जीवाड़े की जांच उपभोक्ताओं के हित में हो जिसमें समिति का गठन किया जाय के अंतर्गत समिति में वार्ड के पार्षदों,नजूल और राजस्व विभाग के आर.आई व पटवारी के साथ में मितानिन, आंगनबाड़ी की महिला सहायिका, पी.एच.ई विभाग के इंजीनियरों और वार्ड के नागरिकों की उपस्थिति में प्रत्येक कनेक्शन की जांच हो जिससे स्थल पर ही पता चल सकेगा की कि भीषण स्तर पर इस योजना में पूर्व के दिनों में कितने करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार हुआ वर्तमान में अमृत मिशन के नल कनेक्शन की स्थिति क्या है और दबाव पूर्वक दिए गए बिल की अनैतिकता स्पष्ट हो जाएगी,प्रजातांत्रिक रूप से वर्तमान महापौर जानकी काटजू के द्वारा इस गंभीर विषय को मेयर इन काउंसिल के माध्यम से जनता के हित लाना चाहिए और भविष्य में आने वाली समिति की जांच रिपोर्ट को परिषद में प्रस्तुत कर प्रदेश शासन से फर्जी बिल के भुगतान को रद्द करने के लिए अनुमति मांगे जिससे नगर पालिका निगम रायगढ़ के हजारे नागरिकों को न्याय मिलेगा।