झारखंड के गढ़वा से करीब 90 किमी दूर भंडरिया थाना क्षेत्र के बड़गड़ ओपी क्षेत्र के बरकोल खुर्द गांव के तीन युवकों को जंगली भाले ने हमला कर मार डाला। वहीं हमले में एक महिला सहित तीन अन्य लोग घायल हो गए। घटना शुक्रवार शाम करीब सात बजे की है। घटना में घायल हुए युवकों को देर रात इलाज के लिए सदर अस्पताल भर्ती कराया गया। मृतकों में दो सगे भाई हैं वहीं तीसरा मृतक गांव का दामाद था। सभी टेहरी पंचायत के करकोल खुर्द गांव के कोड़िया कोरकोट टोला के रहने वाले थे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर शनिवार को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भिजवाया। घटना के बाद गांव में कोहराम मच गया है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
घटना के संबंध में परिजनों ने बताया कि क्षेत्र में शुक्रवार दिन से ही मुसलाधार बारिश हो रही थी। ज्यादा बारिश होने के कारण 38 वर्षीय अनित गिद्ध धान कुटवाने बरकोल खुर्द गांव शाम सात बजे घर से निकले। गांव जंगल से घिरा सोनवर्षा पहाड़ की तलहटी पर बसा है। वह घर से 200 मीटर की दूरी तय किए ही होंगे कि एक जंगली भालू ने उसपर हमला कर दिया। हमला से बचने के कोशिश के क्रम में वह बचाओ-बचाओ शोर मचाते आवाज दी। उसकी आवाज सुनकर उसके बड़े भाई 42 वर्षीय सुनित गिद्ध उस ओर दौड़ पड़े। वहां पहुंचने पर भालू ने उनपर भी हमला कर दिया। दोनों भाइयों की चीख पुकार सुनकर 40 वर्षीय राजू मिंज भी मदद के लिए दौड़ पड़ा। वहां पहुंचने पर भालू ने उसपर भी हमला कर दिया।
भालू के हमले में गंभीर रूप से घायल तीनों लोगों की मौत मौके पर ही हो गई। उधर घटना के कुछ देर बाद कमलेश गिद्ध अपनी पत्नी मनिता लकड़ा अपने दो बच्चों के साथ गांव से ही अपने टोला स्थित घर लौट रहा था। मनिता बताती है कि जंगल में कराहने की आवाज सुनकर जब टॉर्च की रोशनी से उस ओर पति देखना चाहा तो भालू ने उनपर भी हमला कर दिया। उस दौरान पति ने उसे दोनों बच्चों को वहां से लेकर भाग जाने को कहा। उसके बाद वह दोनों बच्चों को लेकर वहां से भागकर घर आ गई। उधर कमलेश की कराहने की आवाज सुनकर जब 25 वर्षीय छोटे गिद्ध और 24 वर्षीया मरियम गिद्ध वहां पहुंची तो भालू ने उनपर भी हमला कर दिया। उसी क्रम में घायलावस्था में ही कमलेश मौका पाकर वहां से भाग गया जबकि भालू ने हमला कर छोटे और मरियम को भी घायल कर दिया। उसके बाद गांव में कोहराम मच गया। ग्रामीणों ने किसी तरह सभी घायलों को देर रात ही इलाज के लिए सदर अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां उनका इलाज चल रहा है।
उधर घटना के बाद वन विभाग के प्रति लोगों ने गहरी नाराजगी जतायी। मुखिया प्रभा कुजूर, पूर्व मुखिया सियोन बाखला, सुकन कोरवा सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि घटना की जानकारी रेंजर को रात 12 बजे ही दी गई थी। वह शनिवार को सुबह 11 बजे घटनास्थल पर पहुंचे। उनके पहुंचने पर ही ग्रामीणों ने शव को उठने दिया। उसके बाद विभाग की ओर से मृतक के परिजनों को पांच-पांच हजार रुपए दिए। तब जाकर ग्रामीणों ने शव उठने दिया। मौके पर पहुंचे ओपी प्रभारी कुंदन कुमार ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया।