खबर का असर:काकाजी के संपादक नरेश शर्मा की खबर रंग लाई, धरमजयगढ़ डीएफओ ने दी अपनी सफाई

by Kakajee News

रायगढ़. छत्तीसगढ़ के रायगढ़, जशपुर, सरगुजा जिले में लगातार हाथियों के बढ़ते आतंक और हाथी के हमले से होनंे वाली जनहानि तथा किसानों की फसल को नुकसान के मामले में काकाजी डॉट काम के संपादक नरेश शर्मा ने दो दिन पहले प्रमुखता के साथ वन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही हाथी प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीणों एवं हाथियों के बीच बढ़ते द्वद को लेकर विभिन्न पहलुओं पर खबर प्रसारित की थी। इसको लेकर डीएफओ धरमजयगढ़ ने पहली बार सरकारी विज्ञप्ति जारी करते हुए पत्रकार नरेश शर्मा की खबर को मुहर लगा दी है। डीएफओ धरमजयगढ़ ने इस बात को माना कि 2015 से लेकर 2021 तक 85 लोगों की मौत हाथियों के हमले से हुई है और विभिन्न ग्रामीण इलाकों में जंगली हाथियों के शिकार के 10 मामले दर्ज किये गए हैं। जिनमें 10 हाथियों की मौत भी उन्होंने स्वीकारी है। आईये सरकारी विज्ञप्ति को हम रूबरू प्रकाशित कर रहे हैं।


डीएफओ धरमजयगढ़ ने जानकारी देेते हुए बताया कि धरमजयगढ़ वनमंडल अंतर्गत हाथियों के रहवास हेतु अनुकूल वातावरण होने के फलस्वरूप प्रतिवर्ष यहां हाथियों की बड़ी संख्या में अन्य राज्य एवं वनमंडलों से आवागमन वर्ष भर बना होता है। जिसके फलस्वरूप कई बार हाथी मानव संघर्ष की स्थिति उत्पन्न होती है। जिसमें अप्रिय घटना को रोकने के लिए वन विभाग द्वारा लगातार कदम उठाये जा रहे है। उन्होंने बताया कि धरमजयगढ़ वनमंडल हाथी मानव संघर्ष में वर्ष 2015 से 2021 तक कुल 85 जनहानि घटना घटित हुई है। जिसमें पीडि़त परिवारों को शासन के नियमानुसार क्षतिपूर्ति सहायता राशि प्रदाय किया जा रहा है। मानव हाथी द्वंद में कभी-कभी हाथियों की मृत्यु की आकस्मिक घटना घटित हुई है। जिसमें धरमजयगढ़ वनमंडल वर्ष 2015 से 2021 में कुल 21 घटना घटित हुई है। जिसमें अवैध विद्युत कनेक्शन से 10 जंगली हाथियों की मृत्यु हुई है जिसमें आरोपियों को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर जेल भेजा गया है।


धरमजयगढ़ वनमंडल अंतर्गत हाथी प्रभावित क्षेत्र ग्राम ओंगना में 11 अगस्त हाथी विचरण करते हुए ग्राम के समीप आ गया था जिसमें श्री मोहित राम यादव उम्र 39 वर्ष साकिन ओंगना को हाथी से आमना-सामना हो जाने के फलस्वरूप हाथी द्वारा हमला कर जनहानि की घटना घटित हुई हो गई। जिसमें पीडि़त परिवार को तत्कालिक सहायता राशि 25 हजार रुपये दिया गया तथा शेष राशि प्रदाय की कार्यवाही की जा रही है। घटना दिनांक के पूर्व ग्राम में हाथी होने की सूचना एवं मुनादी के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया गया था।


धरमजयगढ़ वनमंडल अंतर्गत मानव-हाथी द्वंद रोकथाम हेतु किए जा रहे प्रयासरत
हाथी ट्रेकिंग दल धरमजयगढ़ के माध्यम से हाथियों के रात्रि काल में गांव में प्रवेश को रोकते हुए जनहानि को कम किया जा रहा है इस हेतु वनमंडल में समस्त परिक्षेत्रों में राजसात वाहनों का प्रयोग हाथी नियंत्रण में किया जा रहा है। हाथी प्रभावित गांवों में हाथी सचेतकों को वन प्रबंधन समिति के माध्यम से कार्य कराया जा रहा है। जिनका कार्य गांव के आस-पास जंगल में हाथी आने पर ग्रामीणों को इसकी सूचना देना तथा घर-घर जा कर यह पूछना की यदि कोई जंगल की ओर गया है तो उसे वापस बुला ले। वनमंडल में गजराज वाहन से प्रचार-प्रसार एवं मुनादी का कार्य करवाया जाता है तथा रात्रि कालीन गश्ती भी की जाती है। आवश्यकता पडने पर एकांत में बने निवासरत ग्रामीणों को उनके घर से गांव में सुरक्षित स्थलों तक लाया जाता है।


धरमजयगढ़ वनमंडल में एक हाथी सहायता केन्द्र का निर्माण कर संचालित किया जा रहा है। जिसमें चौबीसों घंटे एक एक वनरक्षक की ड्यूटी 8-8 घंटे की लगाई गई है। क्षेत्र से आने वाली सूचनाओं का संकलन कर प्रभावी क्षेत्र में आवश्यक सहयोग हेतु मोबाईल 9302477261 के माध्यम से आवश्यक सहयोग उपलब्ध कराया जा रहा है।


धरमजयगढ़ वनमंडल के अंतर्गत हाथी प्रभावित क्षेत्रों के प्रत्येक गांव में सजग व्हाट्सअप ग्रुप का निर्माण कराया गया है। ताकि हाथी से संबंधित समस्त सूचनाएँ व्हाटसअप के माध्यम से हाथी सहायता केन्द्र धरमजयगढ़ में प्रेषित कर सके। वनमंडल अंतर्गत 9-13 हाथी का समूह अलग-अलग वन क्षेत्र में भ्रमण करते रहते है जिसके लिए स्थानीय स्व-सहायता समूह एवं वन प्रबंधन समिति के सदस्यों के माध्यम से दो-दो व्यक्तियों का समूह गठित किया गया है। ताकि उक्त समूह के क्षेत्र में आने वाले हाथियों का ट्रेकिंग कर उसकी सूचना उपलब्ध करा सके। जैसे ही हाथी दूसरे समूह जाता है दूसरा समूह भी हाथी समूह का ट्रेकिंग कर सूचना हाथी सहायता केन्द्र को उपलब्ध कराता है। उक्त हाथी मित्र एवं हाथी ट्रेकरों को भुगतान वन विभाग विभागीय मद एवं कैम्पा मद से किया जा रहा है। वनमंडल अंतर्गत गांव-गांव में हाथी से सावधान रहने हेतु जागरूकता एवं जनभागीदारी हेतु प्रत्येक गांव में दीवाल लेखन किया जा रहा है।


धरमजयगढ़ वनमंडल अंतर्गत हाथी प्रभावित क्षेत्रों में वन क्षेत्रों से होकर गुजरने वाले रास्तों में स्लोगन प्लेट लगाकर राहगीरों को सचेत किया जाता है एवं ग्रामीण क्षेत्रों में वन प्रबंधन समिति के माध्यम से बैठक एवं प्रचार-प्रसार कर हाथियों की विचरण एवं गतिविधियों की जानकारी दिया जाता है। साथ ही गजराज वाहन के माध्यम से चलचित्र के माध्यम से ग्रामीणों को हाथियों से सुरक्षा के संबंध में बताया जाता है। ग्रामों के जनप्रतिनिधि सरपंच, शिक्षण चिकित्सक पटवारी एवं नवयुवकों का व्हाट्सअप समूह बनाकर प्रतिदिन हाथियों के विचरण कर जानकारी देकर ग्रामीणों एवं वनरहवासियों को सचेत किया जाता है। धरमजयगढ़ वनमंडल अंतर्गत विश्व हाथी दिवस के उपलक्ष्य में परिक्षेत्र अंतर्गत स्कूलों एवं ग्राम पंचायत स्तर से हाथियों से सुरक्षा एवं हाथियों के बचाव के संबंध में प्रतियोगिता एवं रैली के माध्यम से जागरूक किया गया।

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