बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में लंबे समय से कई आईएएस अफसरों के खिलाफ शिकायतें दर्ज होनें के बाद उनकी जांच नही होनें को लेकर प्रदेश के एक आरटीआई कार्यकर्ता ने हाईकोर्ट की शरण ली है। इस याचिका को हाईकोर्ट की बेंच ने स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई 27 सितंबर को तय की है।
एक जानकारी के अनुसार प्रदेश के 45 आईएएस अफसरों के खिलाफ शिकायतों के बावजूद लंबे समय से कोई कार्रवाई नही होनें को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने का निर्देश जारी की मांग की है। एक्टिंग चीफ जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की डबल बेंच ने याचिकाकर्ता को पर्याप्त दस्तावेज पेश करने का निर्देश देते हुए सुनवाई की अगली तिथि 27 सितंबर तय की है।
कोरिया के आरटीआई एक्टिविस्ट राजकुमार मिश्रा ने पीआईएल में कहा है कि विधानसभा में दिसंबर 2015 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ने जानकारी दी थी कि 45 आईएएस अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों की जांच लंबित है। मिश्रा ने आरटीआई के जरिए निकाली गई जानकारी में पाया है कि इन अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की गई है। इनमें से अनेक अधिकारी अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। कई शिकायतें 10 . 15 साल पुरानी भी है। लंबे समय तक जांच को लंबित रखे जाने से शासन की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं।
जिन आईएएस अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों पर कार्रवाई लंबित है उनके नाम याचिका में दिए गए हैं। ये है सीके खेतान, जीआर चुरेन्द्र, छत्तर सिंह डहरे,डॉ कमल प्रीति सिंह, मुकेश बंसल, एनएम क्षीरसागर, शारदा वर्मा, ऋतु सेन, निरंजन दास, हिमशिखर गुप्ता, एनके खाखा, उमेश कुमार अग्रवाल, ओपी चौधरी, आर. संगीता, टी राधाकृष्णन, अमित कटारिया, नरेन्द्र कुमार शुक्ला, एलेक्स पॉल मेनन, केसी देव सेनापति, अशोक कुमार अग्रवाल ओमेगा, यूनाईस टोप्पो, चंदन कुमार, अलरमेल मंगई डी, रणवीर शर्मा, जीएस मिश्रा, विकास संदीपान, अवनीश कुमार शरण, डॉ सारांश मित्तर, जेपी पाठक, अंकित आनंद, दिनेश श्रीवास्तव, टामन सिंह सोनवानी, केडीपी राव, सुरेन्द्र कुमार जायसवाल,, एमके राउत, अलबंगन पी, बीके धुर्वे रजत कुमार, सिार्थ कोमल सिंह, परदेशी, डॉ रोहित यादव, भुवनेश यादव,सुब्रत साहू, अमृत खलखा व दिलीप वासनीकर के नाम शामिल है।