देश के कई हिस्सों में सरसों तेल, वनस्पति, सोया ऑयल और सूरजमुखी का तेल 200 रुपये के पार चला गया है। उपभोक्ता मंत्रालय की वेबसाइट पर दिए गए आंकड़ों के मुताबिक तिरुचिरापल्ली में पैक सरसों का तेल 220 रुपये प्रति किलो तो अहमदाबाद में महज 115 रुपये के रेट से बिक रहा है। 13 सितंबर यानी सोमवार को मैसूर में वनस्पति (पैक) 224 रुपये किलो बिका तो सबसे सस्ता जादरचेला में 71 रुपये।
सोया तेल साहिबगंज में सबसे महंगा 209 रुपये था तो सबसे सस्ता 107 रुपये अहमदाबाद में। सूरजमुखी का तेल 130 रुपये अहमदाबाद में है तो लोहरदगा में 231 रुपये। दिमापुर में पाम तेल सबसे सस्ता 80 रुपये किलो है तो सबसे महंगा 185 रुपये लखनऊ में ।
यह हालत तब है जब लगातार तीसरे महीने खुदरा मुद्रास्फीति नीचे आई है और रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर के दायरे में बनी हुई है। सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में मामूली घटकर 5.3 प्रतिशत रह गई। ऐसा अनाज और सब्जियों सहित खाद्य उत्पादों के दाम घटने की वजह से हुआ। हालांकि, खाद्य तेल के दाम में इस दौरान वृद्धि दर्ज की गई।
खुली चाय हुई कड़वी
महंगाई की पतीली में खुली चाय भी खूब उबल रही है। कुड्डालोर में सोमवार को जहां खुली चाय का रेट 592 रुपये किलो था वहीं, सहरसा में खुली चाय 128 रुपये किलो। कीमतों में अंतर के बारे में वेबसाइट पर कुछ नहीं दिया है। बेंगलुरु में टमाटर जहां 8 रुपये किलो है तो मायाबंदर में 70 रुपये किलो। मायाबंदर में प्याज भी आंखें तरेर रहा है। यहां प्याज सबसे महंगा 50 रुपये किलो है तो राजकोट, सागर और वारंगल में सबसे सस्ता 17 रुपये प्रति किलोग्राम। आलू की बात करें तो कुड्डालोर में 58 रुपये किलो तो 10 रुपये के रेट से बेरहामपुर में बिक रहा है।
दालें भी हुईं लाल
तेल के बाद दालों की बात करें तो अरहर की दाल सबसे महंगी तृश्शूर में 129 रुपये किलो तो सबसे सस्ती 74 रुपये जगदलपुर में बिक रही है। लखनऊ में उड़द दाल 145 रुपये किलो है तो रीवा में 73 रुपये। मुंबई में मूंग दाल 125 रुपये है तो 70 रुपये मोतीहारी में। कुपवाड़ा में मसूर दाल 120 रुपये किलो बिक रही है तो होशंगाबाद में केवल 66 रुपये किलो।