छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में एक दिन की ही बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। जिला मुख्यालय सहित शहर की कई कॉलोनियों में घुटने तक पानी भर गया है। पैरी सहित कई नदियां उफान पर हैं। रायपुर-गरियाबंद नेशनल हाईवे पर 2 फीट पानी बहने से उसे बंद कर दिया गया है। इस दौरान SDRF की टीम ने मजरकट्टा में चिखली नदी की तेज धार में फंसे दो लोगों को सकुशल निकाल लिया। वह करीब 6 घंटे से बाढ़ के पानी में फंसे हुए थे।
जिले में पिछले तीन दिनों से लगातार बारिश हो रही है। रुक-रुक कर हो रही इस बरसात ने सोमवार को रौद्र रूप ले लिया। इसके चलते आधी रात को ही पैरी नदी का जलस्तर इतना बढ़ गया कि नेशनल हाइवे पर बसे मालगांव और पंटोरा में सड़क पर पानी बहने लगा। वहीं नगर के अंदर भी घुटनों तक पानी भर गया है। जिला मुख्यालय, जेल रोड, महाविद्यालय, मज़रकटा, पैरी कालोनी, कोकड़ी आमदी के इलाके पानी में डूबे हुए हैं। नदी के किनारे बसे गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।
ग्राम पंचायत रजनकटा का पंचायत भवन आधा डूब गया है। वहां से ग्रामीण जरूरत की चीजें और अन्य सामान निकालने की कोशिश में जुटे हुए हैं। यही हालत राजिम में भी है। वहां व्यवहार कोर्ट परिसर में 2 से 3 फीट पानी भर गया है। कोर्ट में भी पानी भरा हुआ है। कर्मचारी वहां से फाइलें हटाने में जुटे हैं। इसके चलते पक्षकारों की सुनवाई बंद है। गरियाबंद कलेक्टर ने बैठकों को निरस्त कर सभी SDM को तटीय इलाकों में तैनात रहने के निर्देश दिए हैं। दूसरी ओर मौसम विभाग ने 24 घंटों के दौरान भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
तीन दिनों से हो रहे झमाझम बारिश से 210 MCFT क्षमता वाला सिकासेर बांध 91.8% भर गया है। बांध के इंचार्ज सिंह ध्रुव ने बताया कि सोमवार को बांध के 22 गेट में से 17 को खोल दिया गया है। 30 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। वेस्ट वियर से भी पानी छोड़ा जा रहा है। इसी के चलते पैरी नदी का जल स्तर बढ़ रहा है। बांध में लगी बिजली उत्पादन यूनिट भी चालू कर दी गई है। दोपहर से 2 यूनिट मेगावाट का उत्पादन प्रकिया शुरू कर दी जाएगी।
सिकासेर डैम के गेट खोलने से उसका पानी सीधे पैरी नदी से होकर निकलता है। इसके कारण राजिम में मौजूद त्रिवेणी संगम (पैरी, सोंढुर, महानदी) के पास देर रात तक जल स्तर बढ़ने की संभावना है। सिकासेर के कमांड एरिया में प्रशासन ने मुनादी करवा दी है। नदी किनारे बसे गांव पटोरा, चिखली, पाथर मोहन्दा, भिलाई, नहरगांव, मालगांव, बारूका, जलकुम्भी, गाहदर इन बस्तियों में पानी घुस गया है। इन गांवों को खाली कराने की नौबत आ गई है।