बिलासपुर। Dog Bite in Bilaspur: शहर में कुत्तों के आतंक से सभी परेशान हैं। औसतन रोजाना 10 से 12 लोग डॉग बाइट का शिकार हो रहे हैं। वहीं अब यह बात भी सामने आई है कि दो साल के भीतर में शहरी क्षेत्र में सात हजार कुत्ते बढ़ गए हैं। इसकी मुख्य वजह कोरोना काल में कुत्ता की नसबंदी न होना है। इसके चलते मौजूदा स्थिति में शहर में 12 हजार से ज्यादा कुत्ते हो गए हैं। वहीं लगातार इनकी संख्या बढ़ती जा रही है।
कुत्तों की संख्या नियंत्रित करने के लिए हर साल नगर निगम द्वारा कुत्तों की नसबंदी की जाती है। इसके लिए अभियान भी चलाया जाता है। लेकिन, मार्च 2020 से कोरोना काल शुरू होने के साथ ही नगर निगम का पूरा ध्यान कोरोना नियंत्रण पर लग गया। ऐसे में समय-समय पर कुत्तों के होने वाली नसबंदी को दरकिनार कर दिया गया। वहीं अब इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है। क्योंकि नसबंदी नहीं होने से इनकी आबादी सात हजार बढ़ गई है।
इसी वजह से अब शहर की ऐसी कोई सड़क नहीं बची हैं, जिसमे कुत्तों का झुंड नजर न आता हो। वहीं अब नगर निगम प्रबंधन के सामने यह समस्या आन पड़ी है कि इनकी संख्या को कैसे नियंत्रित किया जाए। अब बस इसका एकमात्र विकल्प बचा है वह है फिर से इनकी नसबंदी करना। निगम फिर से नसबंदी कार्यक्रम चलाकर कम से कम कुत्तों की संख्या बढ़ने से रोकने का प्रयास करेंगे।
हिंसक हो चुके हैं कुत्ते
धीरे-धीरे शहर कुत्ते हिंसक भी होते जा रहे हैं। इसका आकलन इसी से लगाया जा सकता है कि हर दिन कम से कम 10 से 12 लोगों को कुत्ते काट रहे हैं। रात के समय आलम यह हो गया है कि सड़क पर आने जाने वालों को कुत्ते दौड़ाने तक लगे हैं। इसकी वजह से कई बार सड़क दुर्घटना भी हो रही है।
बाहर छोड़ने पर आ जाते हैं वापस
कई बार निगम ने कुत्तों को पकड़कर आसपास के जंगल में छोड़ने की कोशिश की है। लेकिन, ये कुत्ते कुछ दिन में फिर शहर वापस आ जाते हैं। ऐसे में शहर से बाहर छोड़ने का भी कोई मतलब नहीं होता है और इनकी संख्या जस की तस बनी रहती है।
कोरोना काल में कुत्तों की नसबंदी नहीं कराई जा सकी है। ऐसे में दो साल में शहरी क्षेत्र में सात हजार कुत्ते बढ़ गए है। इनके नियंत्रण का प्रयास किया जाएगा।