जबलपुर । लोक शिक्षण संचालनालय ने कोरोना काल में अब स्कूल फीस को जमा करने की अनिवार्यतः लागू की है। साफ किया है कि जो भी विद्यार्थी शिक्षण शुल्क अदा नहीं करते हैं उन्हें आगामी कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाए। इस आदेश को अमल में लाने के लिए विभाग ने सभी गैर सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के अभिभावकों को फीस जमा करने को कहा है।
उप सचिव स्कूल शिक्षा विभाग केके द्विवेदी ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि निजी स्कूल आर्थिक परेशानी से जूझ रहे हैं। स्कूल में काम करने वाले कर्मचारी, शिक्षकों को वेतन भुगतान करना मुश्किल हो रहा है। कोरोना संक्रमण में शासन ने सिर्फ शिक्षण शुल्क लेने की छूट दी हुई है। स्कूल इसके अलावा अन्य कोई शुल्क नहीं वसूल सकते हैं। स्कूलों का आरोप है कि ज्यादातर बच्चों के अभिभावक शिक्षण शुल्क का भुगतान भी नहीं कर रहे हैं। ऐसे में वेतन भुगतान मुश्किल हो रहा है। इधर निजी स्कूल संचालकों ने न्यायालय से भी राहत लेते हुए शिक्षण शुल्क का भुगतान एक मुश्त अथवा किश्तों में लेने को कहा है। शासन के आदेश में साफ है कि जिस विद्यार्थी की शिक्षण शुल्क नहीं जमा होगा उसे आगामी शैक्षणिक सत्र में प्रमोट नहीं किया जाएगा। ये आदेश सभी कक्षाओं के लिए लागू होगा।
जिनकी कक्षाएं लग रही उन्हें पूरा शुल्क:
विभाग ने 15 दिसंबर से बोर्ड परीक्षा की तैयारी को लेकर कक्षा 9वीं से 12वीं तक की नियमित कक्षाएं प्रारंभ की है। ऐसे में स्कूल भी नियमित खुल रहे है वे स्कूल संचालक की अन्य गतिविधियां भी कर रहे हैं। विभाग ने साफ किया है कि ऐसे स्कूलों को शिक्षण शुल्क के अतिरिक्त फीस लेने की छूट है वे जनवरी 2021 से संत्रात तक की अवधि तक फीस ले सकते हैं।
देना होगा वेतन:
निजी स्कूलों ने स्टाॅफ के वेतन का हवाला देकर ही फीस वसूली के लिए राहत का आदेश हासिल किया है। ऐसे में शासन ने साफ किया है कि स्कूल के सभी कर्मचारियों को नियमित वेतन भुगतान किया जाएगा। जरूरी हो तो 20 फीसद से ज्यादा वेतन कटौती न हो। काटा गया वेतन भी कोविड-19 की स्थिति सुधार होने पर कर्मचारियों को किश्तों में वापस लौटाया जाए।