रायपुर। IAS अधिकारी समीर विश्नोई को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है। उनके साथ कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी को भी जेल में रहना होगा। न्यायिक रिमांड की यह अवधि 10 नवम्बर को पूरी हो रही है। उस दिन तीनों आरोपियों को फिर से अदालत में पेश किया जाएगा।
प्रवर्तन निदेशालय ने 14 दिन की पूछताछ के बाद गुरुवार दोपहर बाद समीर विश्नोई, सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी को अपर सत्र न्यायधीश की अदालत में पेश किया। ED की ओर से बताया गया कि तीनों अभियुक्तों से उनकी पूछताछ पूरी हो चुकी है। अब इनको न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाए। बचाव पक्ष के वकीलों ने इसका कोई विरोध नहीं किया। इसके बाद अदालत ने तीनों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश जारी कर दिया। इससे पहले सुनील अग्रवाल ने कारोबार के संचालन के लिए पत्नी के नाम पर पॉवर ऑफ अटॉर्नी जारी करने के लिए आवेदन दिया। ED के वकील ने इसके कुछ बिंदुओं पर आपत्ति की। उनका कहना था, इससे कारोबारी साक्ष्यों को बदले जाने की आशंका बढ़ जाएगी। बाद में सुनील अग्रवाल ने आवेदन वापस ले लिया।
लक्ष्मीकांत तिवारी के वकील ने जेल में समय पर दवा आदि उपलब्ध कराने का आग्रह किया जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। उसके बाद ED के अधिकारी तीनों को केंद्रीय जेल ले गये।
ED के अधिवक्ता बृजेश चंद्र मिश्रा ने बताया, पूछताछ के दौरान बहुत से नये तथ्य सामने आये हैं, उसको सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। बहुत से दस्तावेज मिले हैं। कैश आदि की बात तो पहले भी आ चुकी है। उन सबकी जांच चल रही है। अगर फिर से पूछताछ की जरूरत पड़ी तो अदालत में आरोपियों में फिर से कस्टडी मांगेंगे। हालांकि बचाव पक्ष के वकीलों का कहना है, एक मामले में किसी अभियुक्त को 14 दिन से अधिक एजेंसी की कस्टडी में रखा ही नहीं जा सकता। यहां ED पहले ही 14 दिन कस्टडी में रख चुकी है।
ED ने IAS समीर विश्नोई, कारोबारी सुनील अग्रवाल और लक्ष्मीकांत तिवारी को लंबी पूछताछ के बाद 13 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। उस दिन दोपहर बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया। ED ने 14 दिन की रिमांड मांगा था, अदालत ने 8 दिनों की अनुमति दी। 8 दिन बाद ED ने फिर से 6 दिन की रिमांड मांगी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। गुरुवार को ED की रिमांड पूरी होने के बाद अब 14 दिन के लिए तीनों को जेल भेजा गया है।