रायगढ़। पड़ोसी प्रांत ओडिसा के पूर्व बीजेडी विधायक अनूप साय को हाईकोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई है। सन 2016 में पूर्व विधायक ने रायगढ़ जिले के संबलपुरी क्षेत्र में दो महिलाओं की हत्या की घटना को अंजाम दिया था। इस मामले में सन 2020 में रायगढ़ पुलिस ने लंबी जांच उपरांत पूर्व विधयाक को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया जहां उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। यह फैसला रायगढ़ जिला अदालत ने महिला और उसकी बेटी की हत्या के केस में सुनाया था।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार 7 मई 2016 को रायगढ़ जिले के हमीरपुर मार्ग में संबलपुरी क्षेत्र में अज्ञात लोगों के द्वारा एक महिला और उसकी बेटी वाहन से कुचलकर जघन्य हत्या कर दी गई थी। इस मामले में मृतकों की पहचान 2017 में ओडिसा के ब्रजराजनगर निवासी कल्पना दास 32 साल एवं उसकी बेटी के रूप में हुई। यह मामला प्रेम प्रसंग से जुडा हुआ था। उस वक्त जिले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह के नेतृत्व में चक्रधर नगर पुलिस ने इस मामले में 13 फरवरी 2020 को पूर्व विधायक और ओडिसा स्टेट वेयरहाउसिंग काॅरपोरेशन के तत्कालीन अध्यक्ष अनूप साय और उनके वाहन चालक वर्धन टोप्पों को गिरफ्तार कर लिया था।
क्या था पूरा मामला
प्रेमिका और उसकी बेटी की हत्या मामले में ओडिशा के पूर्व बीजेपी एमएलए अनूप कुमार साय को उम्रकैद की सजा हुई है। अनूप कुमार साय ने शादी के लिए दबाव बनाने के बाद प्रेमी और उसकी बेटी के साथ खूनी खेल था। 2016 की घटना मामले में पूर्व विधायक की गिरफ्तारी 2020 में हुई थी। इस केस को सुलझाने में छत्तीसगढ़ पुलिस ने चार साल तक छह राज्यों के 700 गवाहों से पूछताछ की।
7 मई 2016 से कमलेश गुप्ता नाम के शख्स ने रायगढ़ के चक्रधरनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके मुताबिक मां शाकंबरी प्लांट के रास्ते पर अज्ञात महिला और बालिका का शव पाया गया था। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और शवों की शिनाख्त में जुट गई। सीसीटीवी फुटेज की तलाशी, मोबाइल टॉवर से डाटा एनालिसिस के साथ-साथ जिले भर से गायब हुए लोगों के बारे में जानकारी जुटाई गई। महाराष्ट्र, यूपी, पश्चिम बंगाल, झारखंड और यूपी तक में इश्तेहार लगाए गए। आखिर पुलिस की कवायद रंग लाई। इन्हीं इश्तेहरों को देखकर एक दिन एक शख्स रायगढ़ पुलिस के पास पहुंचा। सुनील श्रीवास्तव नाम के इस शख्स के मुताबिक दोनों शवों में एक उसकी पूर्व पत्नी 32 वर्षीय कल्पना और दूसरा शव उसकी 14 वर्षीय बेटी बबली का था।
महिला के पास से मिले मोबाइल की कॉल डिटेल पर काम करना शुरू कर दिया। इस जांच में पुलिस को कुछ चैंकाने वाले साक्ष्य हाथ लगे। कॉल डिटेल में ओडिसा के एक हाई प्रोफाइल व्यक्ति का नाम केस से जुड़ने लगा। यह व्यक्ति न सिर्फ पॉलिटिशियन था, बल्कि ओडिसा के सत्ताधारी दल बीजू जनता दल से भी ताल्लुक रखता था। इस शख्स का नाम था अनूप कुमार साय। इस तरह किसी राजनीतिक व्यक्ति के ऊपर हाथ डालना बेहद रिस्की था। लेकिन पुलिस के पास ठोस सुबूत थे, ऐसे में अनूप कुमार साय को थाने में पेश होने के लिए नोटिस भेज दिया। अनूप कुमार साय हाजिर हुआ तो पुलिस की टीम ने उसके साथ पूछताछ करना शुरू किया। शुरुआती पूछताछ में अनूप कुमार साय पुलिस के साथ बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रहा था। लेकिन जब पुलिस ने एक के बाद एक ठोस सुबूत पेश करने शुरू हुए तो वह टूट गया।
पुलिस के मुताबिक अनूप कुमार साय ने बताया कि वह ओडिसा के झारसुगुड़ा जिले का रहने वाला है। उसके मुताबिक साल 2004-05 में कल्पना के पति सुनील ने उसे छोड़ दिया। तब कल्पना के पिता उसे और उसकी बेटी को लेकर अनूप कुमार साय के पास पहुंचे। अनूप ने कल्पना को सहारा दिया और दोनों के बीच अवैध संबंध भी कायम हो गए। दोनों मिलने-जुलने लगे और उनकी मोबाइल पर बातें भी होने लगीं। अनूप कुमार साय की पत्नी और बच्चे भुवनेश्वर में रहते थे, इसलिए उसे इसमें कोई बाधा पहुंचाने वाला भी नहीं था। अनूप के मुताबिक उसने कल्पना की बेटी एडमिशन इंग्लिश मीडियम स्कूल में कराया। दोनों को देश-विदेश की खूब सैर कराई। यह सब 2011 तक ठीक-ठाक चलता रहा। 2011 में अनूप ने भुवनेश्वर में पत्नी के नाम पर जमीन ली। इसके साथ ही उसे शरद नाम के एक व्यक्ति को ठेके पर बनाने के लिए दे दिया। तीन मंजिला घर जब बनकर तैयार हुआ तो शरद ने कल्पना और उसकी बेटी को अपनी पत्नी और बेटी बताकर उस घर में रख दिया। यह अनूप साय के लिए एक सुरक्षित ठिकाना हो गया था। जहां वह बिना पत्नी की नजरों में आए बेरोकटोक कल्पना से मिलता-जुलता रहता था।
