तमनार। एक तरफ केंद्र और राज्य सरकार लोगों को मुफ्त चावल बांटने का ढिंढोरा पीट रहे हैं। दूसरी तरफ रायगढ़ जिले के तमनार ब्लॉक में इस महीने का राशन वितरण ठप्प है। 61ग्राम पंचायत के हजारों घरों को राशन वितरण नहीं हो पाया है। सोसाइटी संचालक भंडारण नही होने की बात कह रहे है । दूसरी तरफ अफसर भी इस गंभीर समस्या को नजर अंदाज कर रहे हैं। सोसाइटी संचालक और प्रशासन के बीच नोकझोक के कारण ग्रामीणों को दाने- दाने के लिए मोहताज होना पड़ रहा है।
इस मामले मे जब अफसरों से बात चीत की गई तो वे दावा कर रहे हैं कि कुछ दिनों में चावल का वितरण हो जाएगा लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है, उचित मूल्य के दुकानदारों से बाचतीत करने पर बताया की आवश्यकतानुसार छावा नहीं भेजी गई है इस कारण वितरण नहीं किया जा रहा है।
इस महीना मिलना है दो माह का बोनस चावल
केंद्र सरकार कोरोनाकाल के समय से राज्य सरकार के अलावा अतिरिक्त चावल दे रही है , जिसे बोनस कहा जाता है, लेकिन यह चावल भी लोगों को नसीब नही है।
इस तरह मिलना है इस माह चावल
यदि किसी परिवार मे 5 सदस्य है तो उन्हें 35 किलो राज्यसरकार दे केंद्र सरकार का बोनस अक्टूबर 15 किलो नवंबर 15 कुलो मतलब कुल मिलाकर 65 किलो चावल मिलना है , लेकिन अब पंचायत मे मुल चावल देने के लिए चावल भी नही है।
सैकड़ो कुंटल के हेरा फेरी की बात निकल कर आ रही सामने
ग्रामीणों की माने तो यदि किसी पंचायत में 200 कुंटल चावल का भंडारा होना है तो केवल 20 कुंटल का भंडारण हुआ है क्योंकि 180 कुंटल सोसाइटी में भंडारण ऑनलाइन दिखा रहा है जोकि करीबन 2016-17 से अब तक का रिकॉर्ड है । लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बया कर रही है सोसाइटी में 80 तो क्या 8 कुंटल भी चावल नहीं है सारा चावल का हेरफेर संचालक कर चुके हैं जिसका खामियाजा अब बेबस ग्रामीण भुगत रहे हैं, सरकार भले ही अनेक योजना बनाती है और कोशिश करती है की उसका लाभ अंतिम व्यक्ति को मिले लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की सांठगांठ से लोग योजनाओं से वंचित रह जाते हैं और बदनामी सरकार की होती है।
फ्री राशन योजना में हो रही है बड़ी गड़बड़ी
केन्द्र सरकार द्वारा गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले राशन कार्डधारियो को दिसंबर तक मुफ्त चावल दिये जाने की योजना है, बावजूद इसके जिले के कई राशन दुकान संचालक इस पूरी योजना में पलीता लगा रहे हैं इसकी जानकारी जिले के खाद्य अधिकारी से लेकर मातहत कर्मचारियों को है लेकिन राशन दुकानदार संचालकों से मिली भगत के चलते इस पूरी योजना में हर महीने लाखों रूपये का राशन का गबन हो जाता है और गरीबों तक पहुंचने वाले मुफ्त चावल साहूकारों के दुकानों तक पहुंच जाते है। इस पूरे मामले में हमने जिले के प्रभारी खाद्य अधिकारी चितरंजन सिंह से भी बात की और बताया कि केन्द्र सरकार की खादन्न योजना के तहत मुफ्त राशन मामले में क्या कार्रवाई की गई, पहले तो वे इसकी जानकारी देने में आनाकारी करते रहे और कहा कि राज्य सरकार व केन्द्र सरकार मिलकर इस योजना मंे काम कर रही है पर हाल ही में 17 दुकान संचालकों पर कार्रवाई की गई है जिसमें चार दुकान निरस्त भी हुई है। यहां यह बताना लाजमी होगा कि अकेले रायगढ़ जिले में जब केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री खाद्य योजना का यह हाल है तो बाकी जिलों में कैसे संचालित हो रही होगी इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।