रायगढ़। रंग अजय रायगढ़ नाट्य समारोह के अंतिम दिवस पर छत्तीसगढ़ी के प्रसिद्व कलाकार दिलीप षड़ंगी मुख्य अतिथि बन कर नाट्य समारोह में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि इप्टा उनका दूसरा घर है। साथ ही उन्होंने कहा कि वे संस्कृति मंत्रालय से इप्टा के जो संभव हो हर मदद करने का प्रयास करेंगे। नाटक देखकर उन्होंने कलाकरों और समारोह के बेहतरीन आयोजन के लिए इप्टा रायगढ़ को सराहा।
रंग अजय रायगढ़ नाट्य समारोह के अंतिम दिवस रविवार को इप्टा बिलासपुर के नाटक ष्जामुन के पेड़ष् का मंचन हुआ। यह नाटक प्रसिद्ध रचनाकार कृष्ण चंदर की कहानी पर आधारित है। पहले से ही मुसीबत में फंसे आदमी की पीड़ा संवेदनहीन सरकारी व्यवस्था में औपचारिकता के नाम पर किस तरह और भी बढ़ जाती है. इस घटना में प्रदर्शित किया गया है।
नाटक को आज की सामाजिक और राजनितिक परिस्थितियों से जोड़ने के लिए मूल कथाकन में कुछ दृश्यों को जोड़ा गया है। हास्य और व्यंग से भरपूर यह नाटक वर्तमान परिदृश्य पर भी चोट करती हैं। दर्शकों को यह प्रस्तुति बेहद पसंद आई और पूरे नाटक के दौरान चुटीले संवादों ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया और साथ ही गहरा संदेश भी दिया।
इप्टा रायगढ़ के अध्य्क्ष रविन्द्र चैबे ने इप्टा के सभी साथियों को अपनी मेहनत और लगन से बेहतरीन आयोजन के लिए धन्यवाद दिया और आगे इसी तरह के आयोजन के लिए भी शुभकामनाये प्रेषित की। इप्टा रायगढ़ के साथियों में विनोद बोहिदार,भारत निषाद, श्याम देवकर, सुमित मित्तल, टोनी चावड़ा, युवराज सिंह आजाद, बासुदेव निषाद, आलोक बेरिया, प्रियंका बेरिया, प्रेरणा देवांगन, शोभा सिंह, दीपक यादव, जिज्ञासा चावड़ा, देवयानी श्रीवास्तव, योगेश, आकाश, अनादि आठले, उषा आठले, अपर्णा श्रीवास्तव, अर्पिता श्रीवास्तव, हर्ष सिंह, सुरेंद्र राणा, प्रशांत शर्मा, संदीप स्वर्णकार, मुमताज भारती, टिंकू देवांगन एवं अन्य ने सफल आयोजन में भूमिका निभाई।