रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले की पुसौर ब्लाक में कार्यरत एनटीपीसी लारा उर्जा के मामले में एक और नई छलांग लगाने जा रहा है। जल्द ही इस प्लांट की क्षमता 16 सौ से बढ़कर 32 सौ मेगावाट उत्पादन की हो जाएगी और इसकी तैयारियां जोर शोर से शुरू हो गई है। केन्द्र शासन के दिशा निर्देश पर एनटीपीसी वर्तमान में 8 सौ 8 सौ यूनिट से 16 सौ मेगावाट बिजली उत्पादन कर रहा है जिसे बढ़ाकर 8 सौ-8 सौ मेगावाट की दो और यूनिट शुरू करके 32 सौ मेगावाट बिजली उत्पादन करने वाला देश का तीसरा संयंत्र बन जाएगा। इतना ही नही पर्यावरण दृष्टि को ध्यान में रखते हुए अत्याधुनिक मशीनों का उपयोग करते हुए आसपास के गांवों में सीएसआर व अन्य समाजसेवा का कार्य करते हुए फ्लाई ऐश प्रबंधन में भी विशेष ध्यान दे रहा है।
एनटीपीसी लारा के कार्यपालिक निदेशक दिवाकर कौशिक ने आज पत्रकारों को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि लारा एनटीपीसी बहुत ही जल्द अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर देश में सत्ती बिजली देने वाला प्लांट बनेगा। बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि वर्तमान मे 16 सौ मेगावाट उत्पादन करने वाला यह संयंत्र आने वाले समय में और 16 सौ मेगावाट उत्पादन क्षमता बढ़ाने जा रहा है और इसके लिये कोयले की सप्लाई भी तेजी से बढ़ा दी गई है।
इतना ही नही एनटीपीसी की तिलाईपाली माइंस से प्रतिदिन दस हजार टन कोयला सप्लाई हो रहा है और अब अन्य माध्यमों से भी कोयले की सप्लाई बढाने के लिये मंजूरी ली जा रही है। उन्होंने बताया कि एनटीपीसी अपने उत्पादन करने वाली बिजली से 50 प्रतिशत छत्तीसगढ़ व बाकी बची बिजली महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात सहित अन्य प्रदेशों को सप्लाई कर रहा है और इसकी क्षमता बढ़ने के बाद अन्य प्रदेशों में भी बिजली की सप्लाई बेरोकटोक हो सकेगी।
एनटीपीसी लारा के आसपास के एक दर्जन से भी अधिक गांव में समाजसेवा के कार्यो के अलावा पंचायतों के माध्यम से कई विकास कार्य भी कराये जा रहे हैं जिसमें स्कूल भवन, पानी टंकी, खेलों के विकास के अलावा इलाज के लिये अस्पतालों में बेहतर सुविधाओं की पहल लगातार जारी है। साथ ही साथ पुसौर ब्लाक क एक दर्जन से भी अधिक गांव के अलावा ओडिसा के भी 8 गांवों भी इसमें शामिल किया गया है। इसकी जानकारी देते हुए एनटीपीसी लारा के सहायक प्रबंधक एचआर के कन्हैया दास ने कहा कि लगातार विकास संबंधी कार्यो को भी प्रबंधन क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों से संपर्क करते हुए काम कर रहा है।
बहरहाल एनटीपीसी लारा बीते पांच सालांे के भीतर बिजली उत्पादन मामले में तेजी से उभर रहा है और कोयला आधारित इस बिजली संयंत्र के उत्पादन क्षमता बढ़ने से प्रति यूनिट में भी कमी आएगी और इसको लेकर प्रबंधन अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है।