राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के दूसरे दिन उमड़ा जन सैलाब, लखबिर सिंह लख्खा व बाबा हंसराज रघुवंशी के भजनों पर थिरके श्रोता

by Kakajee News

रायगढ़। भारत के इतिहास में पहली बार छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में आयोजित राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के दूसरे दिन देश के जाने माने भजन गायक लखबीर सिंह लख्खा और भगवान शंकर के भक्त तथा प्रसिद्ध भजन सम्राट बाबा हंसराज रघुवंशी के गीतों से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया और देर रात तक दस हजार से अधिक दर्शकों ने उनके भजनों को सुना। इस दौरान रामलीला मैदान में उपस्थित जन सैलाब उनके भजनों पर झुमते और थिरकते हुए राम धुन में रम गए।

समारोह के दूसरे दिन इस राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में भजन गायक लखबीर सिंह लख्खा ने श्रोताओं से कहा कि प्रभु श्रीराम सबको साथ लेकर चले, आप मेरा साथ दें और राम का नाम लें। उनके अपील पर दर्शकों ने श्रीराम का जय घोष किया। लखबिर सिंह लख्खा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह भव्य आयोजन कर संस्कृति को जोड़ने का काम किया है। छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल है। महोत्सव के आयोजन से पूरा रायगढ़ शहर राममय हो गया है। इसके बाद देश के जाने माने भजन गायक बाबा हंसराज रघुवंशी ने अपनी प्रस्तुती दी। उन्होंने शुरूआत से ही अपने भगवान शंकर के नाम से गाये भजनों से ऐसा समां बांधा कि पूरे पंडाल बच्चों से लेकर महिलाएं युवाओं से बुजुर्ग नाचते थिरकते हुए जयकारे के नारे लगाए साथ ही साथ तालियों के साथ रघुवंशी के भजनों का लुत्फ उठाया।

मेरा भोला है भण्डारी जैसे प्रसिद्ध भजनों के गायक बाबा रघुवंशी को दर्शकों ने उत्सुकता के साथ सुना और श्रोता उनकी गीतों पर आनंदित होकर झूमने लगे। कार्यक्रम में संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने लखबीर लख्खा और बाबा रघुवंशी को रामचरित मानस ग्रंथ की प्रति और राजकीय गमछा भेंटकर सम्मानित किया। इससे पहले इस रामायण महोत्सव में झारखण्ड, असम, बिहार, ओडिसा, कंबोडिया से कलाकारों ने भी अपनी-अपनी शैली में भगवान श्री राम को याद करते हुए सीता हरण व रामायण के अन्य दृश्य का मंचन किया।

 

सुबह 11 बजे से शुरू हुआ यह कार्यक्रम देर रात 12 बजे तक चलता रहा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी थी कि पंडाल के अंदर जहां दस हजार से अधिक श्रोताओं की भीड थी वहीं उससे ज्यादा भीड़ पंडाल के बाहर भी बड़ी स्क्रीन पर इस कार्यक्रमों को देखने के लिये उमड़ी थी। कई बार पुलिस और दर्शकों के बीच झूमाझटकी व धक्कामुक्की देखने को मिली लेकिन चुस्त व्यवस्था के चलते कार्यक्रम देर रात तक सफलता के साथ चलता रहा।

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