बरसते पानी के बीच गांव पहुंचा दंतैल, चार मकानों को तोड़ा, फसलों को भी पहुंचाया नुकसान, क्षेत्र में दहशत का माहौल

by Kakajee News

रायगढ़। रायगढ़ जिले में जंगली हाथियों का आतंक थमने का नाम नही ले रहा हैं आए दिन जंगली हाथियों के द्वारा उत्पात मचाते हुए अपनी मौजूदगी से लोगों को दहशत में डाल रहे हैं। इसी क्रम में बीती रात रायगढ़ वन परिक्षेत्र के दो गांव में एक जंगली हाथी ने जमकर उत्पात मचाते हुए चार घरों को ढहाते हुए आम और कटहल के पेड़ों को भी नुकसान पहुंचाया है। मामले की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचकर आगे की कार्रवाई में जुट गई है।

पूरे प्रदेश के अलग-अलग जिलों में एक लंबे समय से जंगली हाथियों की आतंक बदस्तूर जारी है। जंगली हाथियों के द्वारा आए दिन ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पात की खबर आए दिन निकलकर सामने आते रहती है। इसी क्रम में बीती रात रायगढ़ वन परिक्षेत्र के दो गांव में एक जंगली हाथी ने चार मकानों को नुकसान पहुंचाया है।

इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार रायगढ़ वन परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बडझरिया और जुनवानी गांव में एक जंगली हाथी ने चार मकानों को क्षतिग्रस्त किया है। जिसमें बडझरिया निवासी प्रताप और राजीव के मकानों को नुकसान पहुंचाया वहीं जुनवानी के भी दो ग्रामीणों के घरों को तोड़ने के अलावा टारपारा बस्ती में कटहल और आम के पेड़ों को नुकसान पहुंचाने की जानकारी मिली है। गांव के ग्रामीणों के अनुसार रात तकरीबन 12 बजे के आसपास जंगलों से निकलकर एक जंगली हाथी गांव की बस्ती में घुसा और सुबह तकरीबन 5 बजे तक अलग-अलग गांवों में घुम-घुमकर नुकसान पहंुचाया गया है। गांव में जंगली हाथी के आमद की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई थी और ग्रामीणों को जंगली हाथी से दूरी बनाये रखने की अपील की जा रही थी।

विदित रहे कि रायगढ़ जिले एक लंबे अर्से से जंगली हाथियों का आतंक व्याप्त है। जंगली हाथियों की लगातार बढ़ती संख्या से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों का इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। सरकार के द्वारा जंगली हाथी को रोकने कई उपाय अपनाये गए परंतु आज तलक इसमें सफलता नही मिल सकी है। आलम यह है कि जंगली हाथी और मानव के बीच द्वंद में कभी इंसान तो कभी जंगली हाथियों की असमस मौत हो रही है।

एक अन्य जानकारी के अनुसार रायगढ़ वन परिक्षेत्र के जुनवानी बंगुरसिया क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक ऐसे किसान हैं जो जंगली हाथियों के आतंक से फसल लगाना लगभग पूरी तरह से बंद कर चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि खेत में फसल लगाने से जंगली हाथियों का रूख उनके गांव की तरफ हो जाता है और फिर फसल नुकसान के साथ-साथ उनके मकानों को भी जंगली हाथियों के द्वारा नुकसान पहुंचाया जाता है।

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