जशपुर। जिले के कांसाबेल वन परिक्षेत्र के दोकड़ा इलाके में मंगलवार-बुधवार की रात को एक हाथी ने जमकर उत्पात मचाते हुए कई घरों को तोड़ा। हाथी ने घर में रखे अनाज को भी चट दिया। मंगलवार रात 8 बजे हाथी ग्राम बिहाबल, नकटीमुंडा में घुसा था। हाथी बस्ती में अचानक आ धमका।
गांव में हाथी देखकर ग्रामीण घर छोड़ कर भागने लगे और अफरा-तफरी मच गई।
वन विभाग की टीम मौके से किसी तरह हाथी को खदेड़ने में सफल हुआ। जिसके बाद हाथी नकटीमुंडा गांव की ओर चला गया। वहां अजय पिता तिहारु का घर को निशाना बनाया। ग्रामीणों के साथ वन विभाग की टीम ने हाथी को वहां से भी खदेड़ा। इसके बाद रात करीब 1 बजे हाथी बिहाबल पहुंचा। यहां भी जंगल से सटे पियर राम पिता चंदर राम का घर को पूरी तरह से ध्वस्त करके घर में रखे अनाज को भी पूरी तरह चट कर गया। राहत की बात यह रही की इस दौरान घर से लोग बाहर निकल चुके थे।
इसके बाद हाथी ने मनोहर यादव के घर को भी निशाना बनाया है। इन दिनों सबसे अधिक संख्या में हाथी तपकरा वन परिक्षेत्र में हैं। वहां ग्राम नामनी, सुईजोर, दपकला और बंधाकोना गांव अलर्ट पर है। यहां 1 हाथी है। इसी तरह सहसपुर, बंधनपुर, लकराघरा गांव को एक अन्य हाथी के लिए अलर्ट किया गया है। गारीघाट, सिकिरमा, बिदूरपुर को भी एक हाथी की मौजूदगी की वजह से अलर्ट पर रखा गया है।
सिकरिमा में हाथी ने एक ग्रामीण का मकान तोड़ा है। जमुना गांव के नजदीक एक हाथी है और इसे लेकर जमुना, दाईजबहार और बाम्हनमारा को अलर्ट किया गया है। समडमा बीट में 2 हाथी हैं। इसे लेकर समडमा, जूनाडीह और ओडिशा बार्डर को अलर्ट किया गया है। हाथियों से जान और माल की रक्षा के लिए रतजगा करते ग्रामीण।
रेंजर ने कहा- कटहल की गंध पाकर घुस रहे हाथी कांसाबेल की रेंजर प्रभावती चौहान ने बताया कि दल से बिछड़ा एक दंतैल उत्पात मचा रहा है। दल पर टीम की निगरानी बनी हुई है और उसे बस्ती में घुसने से रोकने के सभी प्रयास किए जा रहे हैं। वर्तमान में हाथी के बस्ती में घुसने की मुख्य वजह पके हुए कटहल है। ग्रामीणों को कई बार पके हुए कटहल को बस्ती से बाहर करने की समझाइश दी जा चुकी है।
अलग-अलग दलों से बिछड़े हैं हाथी अकेले घूम रहे 8 हाथी अलग-अलग दलों से बिछड़े हैं। इनमें से कोई शांति दल तो कोई गोतमी दल का हाथी है। इनका झुंड वर्तमान में ओडिशा और झारखंड के जंगल में है। कुछ अकेले घूम रहे हाथी जशपुर जिले के जंगल के स्थायी हैं।