रायगढ़. छत्तीसगढ़ के नवगठित सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले में स्थित गोमर्डा अभ्यारण्य घने जंगलों से गिरा हुआ है और इस अभ्यारण में कई प्रकार के जंगली जानवर विचरण कर रहे हैं। हाल में ही इस अभ्यारण में 20 से अधिक तेंदुओं होनें की जानकारी भी सामने आई थी वहीं पिछले कुछ सालों से यहां जंगली हाथियों की भी मौजूदगी देखी जा रही है। वर्तमान दिनों में यहां 24 जंगली हाथियों का दल विचरण कर रहा है। इसी बीच बुधवार को एक हाथी शावक यहां कीचड़ में फंस गया जिससे वह निकलने में असमर्थ रहा और अंततः उसकी मृत्यु हो गई।
इस संबंध में मिली जानकारी के मुताबिक रायगढ़ जिला मुख्यालय से तकरीबन 65 किलोमीटर दूर गोमार्डा अभ्यारण्य क्षेत्र में पिछले कुछ सालों से लगभग 24 हाथी का दल विचरण कर रहा है। इस दल में से एक हाथी शावक कल हाथी शावक गोमर्डा के अंदर कक्ष क्रमांक 912 एफ के पास कीचड़ में फंस गया और निकलने की पूरी कोशिश करता लेकिन अंतत उसकी मौत हो गई। मृत हाथी शावक की उम्र करीब चार से पांच माह बताई जा रही है। जंगली हाथियों की टेªकिंग करने वाले लोगों को इस घटना की जानकारी मिली तो उन्होंने इसकी जानकारी विभागीय अधिकारियों को दी। लेकिन जब तक हाथी शावक को निकालने का प्रयास किया जाता तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। जिसके बाद वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा मृत हाथी का पोस्टमार्टम कराते हुए हाथी शावक का अंतिम संस्कार किया गया।
जंगली हाथियों पर रखी जा रही निगरानी
हाथियों की मौजूदगी को देखते हुए सारंगढ़ वन मंडल के सभी अधिकारी व वनकर्मी अलर्ट मोड पर हैं। डीएफओ सारंगढ़ ने अधीनस्थ वनकर्मियों को गंभीरता से हाथियों व अन्य वन्यप्राणियों की सुरक्षा के लिए निर्देशित किया है। ऐसे में हाथी ट्रेकरो द्वारा लगातार हाथियों के दल पर निगरानी की जा रही है। ताकि किसी प्रकार की न जनहानि हो सके और न ही हाथियों को कोई नुकसान हो। इसके अलावा वनकर्मियों द्वारा लगातार जंगल गस्त किया जा रहा है।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में गोमर्डा अभ्यारण्य कृष्ण चंद्रकार ने बताया कि सीता तालाब के पास कक्ष क्रमांक 912 में एक हाथी का शावक कीचड़ में फंस गया था। जिसके बाद वह निकलने में असमर्थ रहा। संभवतः इससे उसकी मृत्यु हुई है। शिकार की कोई संभावना नहीं है। फिलहाल पीएम रिपोर्ट के बाद मौत के कारणों का स्पष्ट खुलासा हो पाएगा। लगातार हाथी दल की निगरानी की जा रही है।
