कौन बनेगा प्लेयर ऑफ द सीरीज? आईसीसी ने कोहली-शमी सहित नौ खिलाड़ी दौड़ में शामिल

by Kakajee News

आईसीसी ने विश्व कप में शानदार प्रदर्शन करने वाले नौ खिलाड़ियों को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट अवॉर्ड के लिए नामांकित है। इनमें चार भारतीय खिलाड़ियों को जगह मिली है। टूर्नामेंट में अब तक सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली और सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले मोहम्मद शमी के अलावा भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को शॉर्टलिस्ट किया है। हम आपको इन नौ खिलाड़ियों के विश्व कप में प्रदर्शन के बारे में आपको यहां बता रहे हैं।
भारत के दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली ने विश्व कप में शानदार बल्लेबाजी की है। उन्होंने बल्लेबाजी क्रम को स्थिर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लक्ष्य का पीछा करने में अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन करते हुए उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 85 रन, अफगानिस्तान के खिलाफ नाबाद 55 रन, बांग्लादेश के खिलाफ नाबाद 103 रन और न्यूजीलैंड के खिलाफ 95 रन बनाए। जिन मैचों में भारत ने पहले बल्लेबाजी की उनमें उन्होंने निर्णायक की भूमिका निभाई। श्रीलंका के खिलाफ 88 रन, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ नाबाद 101 रन, नीदरलैंड के खिलाफ 51 रन और सेमीफाइनल में 117 रन शामिल हैं। कोहली ने 10 मैचों की 10 पारियों में 711 रन बनाए हैं।
टूर्नामेंट के लगभग हर मैच में विस्फोटक शुरुआत करने वाले रोहित शर्मा ने टीम इंडिया के लिए बेहतरीन मंच तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। केवल एक शतक लगाने के बावजूद उनकी विस्फोटक पारियों ने साथी बल्लेबाजों को बड़े लक्ष्य हासिल करने में सक्षम बनाया है। रोहित ने 10 मैचों में 55.00 की शानदार औसत और 124.15 की स्ट्राइक रेट से 550 रन बनाए हैं। उन्होंने एक शतक और तीन अर्द्धशतक लगाया है। इनमें 62 चौके और 28 छक्के शामिल हैं।
अनुभवी तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी छह मैचों में 23 विकेट लेकर शीर्ष पर हैं। वह इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं। शमी ने धर्मशाला में न्यूजीलैंड के खिलाफ पांच विकेट (5/54), लखनऊ में इंग्लैंड के खिलाफ चार विकेट (4/22), मुंबई में श्रीलंका के खिलाफ पांच विकेट (5/18), कोलकाता में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दो विकेट (2/18) लिए हैं। मुंबई में न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में सात विकेट (7/57) हासिल किए थे।
शमी के साथ-साथ भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की धुरी के रूप में जसप्रीत बुमराह खड़े हैं। उन्होंने 10 पारियों में 18 विकेट हासिल किए हैं। वह रन देने के मामले में कंजूस रहे हैं। उनकी इकोनॉमी रेट 3.98 की रही है।
ऑस्ट्रेलिया के विस्फोटक बल्लेबाज ग्लेन मैक्सवेल ने नीदरलैंड के खिलाफ विश्व कप इतिहास का सबसे तेज शतक लगाया था। अफगानिस्तान के खिलाफ दोहरे शतक के साथ ऑस्ट्रेलिया को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अतिरिक्त उनकी ऑफ-स्पिन टीम के लिए मूल्यवान साबित हुई। उन्होंने प्रति ओवर पांच से भी कम रन दिए। मैक्सवेल ने 152.69 की स्ट्राइक रेट से 397 रन बनाए हैं और पांच विकेट अपने नाम किए हैं।
न्यूजीलैंड के युवा बल्लेबाज रचिन रवींद्र ने इस विश्व कप में सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। रवींद्र ने पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाफ शतक लगाया था। वह टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में तीसरे स्थान पर हैं। रचिन ने 10 पारियों में 578 रन बनाए।
ऑस्ट्रेलिया के लेग स्पिनर एडम जम्पा ने भारत और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खराब प्रदर्शन के साथ विश्व कप में धीमी शुरुआत की थी। हालांकि, तब से उन्होंने लगातार अपने प्रदर्शन में सुधार किया है। जम्पा ने लगातार तीन बार चार विकेट लिए और ऑस्ट्रेलिया के अभियान को पुनर्जीवित किया। पुरुष विश्व कप में एक ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर द्वारा सर्वाधिक विकेट लेने के ब्रैड हॉग के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। जम्पा ने 10 ओवर में 22 विकेट लिए हैं।
दक्षिण अफ्रीका के विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डिकॉक ने विश्व कप के बाद वनडे से संन्यास ले लिया। डिकॉक ने ग्रुप राउंड के दौरान चार शतक लगाकर अपने वनडे करियर का शानदार समापन किया। वह वर्तमान में टूर्नामेंट में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में दूसरे स्थान पर हैं। डिकॉक ने 10 मैचों में 594 रन बनाए हैं। इसके अलावा 18 कैच लिए और एक स्टंपिंग की।
न्यूजीलैंड के मध्यक्रम के बल्लेबाज डेरिल मिचेल के लिए यह टूर्नामेंट यादगार रहा। उन्होंने 10 पारियों में 552 रन बनाए। सबसे ज्यादा रन बनाने के मामले में वह चौथे स्थान पर हैं। वह विश्व कप के एक ही संस्करण में भारत के खिलाफ दो शतक बनाने वाले पहले बल्लेबाज बने। मिचेल ने शुरुआत में लीग चरण के दौरान धर्मशाला में भारत के खिलाफ 127 गेंदों में 130 रन बनाए और फिर सेमीफाइनल में 119 गेंद पर 134 रन बनाए।

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