Desk News: हृदय रोग और इसके कारण होने वाली मौत के मामले पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़े हैं। आश्चर्यजनक रूप से कम उम्र के लोग, यहां तक कि बच्चे भी इसके शिकार हो रहे हैं। बढ़ते जोखिमों को देखते हुए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को हृदय की सेहत का ध्यान रखने और बचाव के लिए प्रयास करते रहने की सलाह देते हैं। बहुत ही कम उम्र में हृदय रोगों से मृत्यु का एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें इंदौर के रहने वाले छह साल के बच्चे की दिल्ली में इलाज के दौरान हार्ट फेल होने से मौत हो गई है। मृतक पहली कक्षा का छात्र था।
मेडिकल रिपोर्ट से पता चलता है कि बच्चे को पहले से मायोसाइटिस नाम की बीमारी थी, जिसके कारण हृदय की मांसपेशियों में सूजन आ जाती है। क्या होती है ये बीमारी और बच्चों में हृदय रोगों की समस्या क्यों बढ़ती जा रही है, आइए इस बारे में विशेषज्ञ से समझते हैं।
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ निरंजन हीरेमथ बताते हैं, समय के साथ हृदय रोगों की समस्या लगभग हर उम्र के लोगों में रिपोर्ट की जा रही है, बच्चे भी इसे बचे नहीं हैं। हालांकि वयस्कों की तुलना में बच्चों में इसके जोखिम कारक कम होते हैं। बच्चों में हृदय रोगों के अधिकतर मामले जन्मजात होते हैं। सभी लोगों को बच्चों में कुछ लक्षणों जैसे छाती में अक्सर हल्का दर्द रहना, बेहोशी, सांस लेने में तकलीफ पर गंभीरता से ध्यान देते रहना चाहिए। अगर इस तरह की दिक्कत है तो एक बार किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले लें।
मायोसाइटिस के बारे में जानिए?
रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि उपरोक्त जिस बच्चे का जिक्र है उसे मायोसाइटिस की समस्या थी। मायोसिटिस, मुख्यरूप से ऑटोइम्यून समस्या है जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली मांसपेशियों पर अटैक कर देती है, जिसके कारण क्रोनिक इंफ्लामेशन हो सकता है। संक्रमण, चोट या दवा के साइड इफेक्ट के कारण भी ऐसी दिक्कतें हो सकती हैं। बच्चों में भी इस समस्या का खतरा देखा जाता रहा है पर ऐसे मामले कम रिपोर्ट किए जाते हैं।
मायोसाइटिस की पहचान कैसे करें?
हृदय की मांसपेशियों में होने वाली मायोसाइटिस की समस्या को मायोकार्डिटिस कहा जाता है, इसमें अक्सर छाती में दर्द- थकान रहने के साथ दिल की धड़कन में अनियमितता, आराम करने पर या गतिविधि के दौरान सांस लेने में तकलीफ, चक्कर आने या बेहोशी की समस्या हो सकती है। छाती में होने वाली इस प्रकार की दिक्कतों का समय रहते इलाज आवश्यक हो जाता है। इसे अनदेखा करना गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
मायोकार्डिटिस का इलाज
हृदय की मांसपेशियों में सूजन आमतौर पर अपने आप दूर हो जाती है, हालांकि आटोइम्यून समस्याओं का इलाज संभव नहीं है। सामान्य तौर पर इलाज के माध्यम से हृदय के कार्यों को बढ़ावा देने और रक्त परिसंचरण को बेहतर बनाए रखने के उपाय किए जाते हैं। मायोकार्डिटिस से पीड़ित अधिकांश बच्चों को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। कुछ प्रकार की दवाओं के माध्यम से हृदय को बेहतर ढंग से काम करने में और रक्त पंप करने की क्षमता में सुधार करने में मदद मिल सकती है। हालांकि इसकी समय पर पहचान और इलाज जरूरी है।
