06 माह में 09 महिलाओं का एक ही तरीके से हत्या , सिरफिरे का जुनून या तांत्रिक का जाल….!

by Kakajee News

महिलाओं की हत्याओं को लेकर लोगों के जेहन में अलग-अलग सवाल कौंध रहे हैं। कोई इसे सिरफिरे का जुनून बता रहा है तो कुछ लोग इसे तंत्र साधना से जुड़ा मान रहे हैं। सभी घटनाएं एक ही शख्स ने की हैं या ज्यादा लोग अलग-अलग मकसद से ऐसा कर रहे हैं, ये भी चर्चा का विषय है।
जून से अब तक नौ महिलाओं की हत्या हो चुका है। इनमें तीन मामलों का पुलिस खुलासा कर चुका हैं। इस बीच शीशगढ़ के गांव जगदीशपुर निवासी 57 वर्षीय उर्मिला का शव रविवार शाम को खेत में पड़ा मिला। इससे फिर साइको किलर की चर्चाएं तेज हो गईं।

इलाके में बीते छह माह में एक-एक कर नौ महिलाओं की एक ही तरीके से हत्या हो चुकी है। इन्हें अलग-अलग लोगों ने मारा या फिर कोई एक ही शख्स गांव-गांव घूमकर ये हत्याएं कर रहा है, यही चर्चा का विषय और पुलिस की तफ्तीश का केंद्र है।

ग्रामीणों और पुलिस के बीच आरोपियों और तरीके को लेकर मत भिन्नता है। अमर उजाला की टीम ने इस बारे में कई लोगों से बात की। आधे से ज्यादा लोग इसे किसी सनकी या सिरफिरे की हरकत मान रहे हैं। 30 फीसदी लोग इसे तंत्र विद्या से जोड़कर देख रहे हैं।
जगदीशपुर गांव में मृतका उर्मिला के घर के बाहर उनके पति वेदप्रकाश को सांत्वना दे रहे ग्रामीणों का समूह घटना के बारे में अलग ही राय रख रहा था। लोग इसे पड़ोसी गांव के जुआरियों या नशेड़ियों की हरकत मान रहे हैं। उनका कहना है कि ये लोग उनके गांव की तरफ जुआ खेलने आते हैं। अक्सर महिलाएं उन्हें टोक देती हैं। उर्मिला के सोने के कुंडल गायब थे।

हो सकता है कि लूट के चक्कर में उनकी हत्या कर दी गई हो। जब इन लोगों से पूछा गया कि शरीर पर और भी जेवर मौजूद थे। उन्हें क्यों नहीं लूटा तो वे खामोश हो गए। दूसरे गांवों में भी इसी तरह की घटनाएं होने का जिक्र करने पर भी ग्रामीण जवाब नहीं दे सके। उर्मिला के पति का कहना है कि जो भी आरोपी हो, पुलिस उसे गिरफ्तार कर सजा दिलाए।

उर्मिला देवी के शव का डॉक्टरों के पैनल ने पोस्टमॉर्टम किया। इसमें गला दबाने से हत्या की पुष्टि हुई। वहीं शरीर पर कुछ जगह चोटें भी मिलीं। इससे लगा कि हत्यारे से खुद को बचाने के लिए उर्मिला ने संघर्ष किया था। वहीं, मृतका का शव मिलने की जगह पर उसकी चारे की गठरी व टूटी चूड़ियां और चप्पलें दूसरे दिन भी पड़ी थीं। पति वेदप्रकाश ने अज्ञात हत्यारोपी के खिलाफ रात में ही रिपोर्ट करा दी थी।

रविवार शाम डॉग स्क्वॉड ने शव के पास पड़ी गठरी सूंघकर गांव का रुख किया था। फिर शिक्षा क्षेत्र से जुड़े एक व्यक्ति की बैठक में पहुंचकर उसके पास खड़ा हो गया था। पुलिस ने व्यक्ति को पकड़ा तो वह नशे में था। उसे शीशगढ़ थाने में रखा गया। सोमवार सुबह फिर पूछताछ हुई। इससे ये साबित हुआ कि वह उर्मिला की हत्या के वक्त धर्मपुर के उसी रास्ते से आया था, हालांकि हत्या से उसका जुड़ाव स्पष्ट न हुआ तो उसे छोड़ दिया।
शीशगढ़ थाने के गांव लखीमपुर की महमूदन, कुल्छा गांव की धानवती, सेवा ज्वालापुर निवासी वीरावती, खजुरिया निवासी कुसुमा देवी, शाही के मुबारकपुर गांव की शांति देवी, आनंदपुर की प्रेमवती, मीरगंज थाना क्षेत्र के गांव गूला की रेशमा देवी व शाही के गांव खरसैनी की दुलारी देवी की जान जा चुकी है। अधिकांश महिलाओं के गले में फंदा कसा मिला था। कुछ के शव खराब हो चुके थे तो पुलिस ने विसरा रिपोर्ट के बहाने हत्या की बात खारिज कर दी।

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