दो महिलाओं की गला दबाकर हत्या के मामले में पुलिस को खेतों की खाक छानने के बाद भी कोई साक्ष्य नहीं मिल पा रहा है। इधर, मृतका उर्मिला देवी के करीबी शख्स के साथ ही गांव से लापता कुछ असामाजिक तत्वों पर भी पुलिस की नजर है।
एक बेहद करीबी शख्स का मोबाइल घटना के दिन बंद रहने से उस पर शक बढ़ गया है और गहनता से जांच की जा रही है। आरोपी का आशिकाना मिजाज भी कहीं न कहीं चुगली कर रहा है। घटना के दिन से जगदीशपुर गांव से लापता कुछ आपराधिक छवि के लोग भी पुलिस के रडार पर हैं।
कुंडल लूट को सही माना जाए तो जुआ व नशे की खातिर अपराध करने वाले ऐसा कर सकते हैं। बृहस्पतिवार को एसपी देहात मुकेश मिश्रा, एसपी क्राइम मुकेश सिंह ने इलाके में पुलिस टीमों की कार्यप्रणाली को परखा।
महिला सिपाही गांव-गांव चौपाल लगाकर महिलाओं को जागरूक कर रही हैं और पुरुष पुलिसकर्मियों की टीम जंगलों में घूम रही है। एसएसपी से लेकर उच्चाधिकारी भी इसका अपडेट ले रहे हैं। विधानसभा में प्रश्न उठाने की संभावित स्थिति भांपकर शासन भी अधिकारियों से रिपोर्ट तलब कर चुका है।
शीशगढ़-शाही समेत मीरगंज विधानसभा क्षेत्र के गांवों में सिलसिलेवार तरीके से नौ महिलाओं की हत्या का मामला जल्द ही विधानसभा में उठाया जा सकता है। मीरगंज विधायक डॉ. डीसी वर्मा ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी से मिलकर पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने की मांग की है।
डॉ. वर्मा ने बताया कि उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बताया कि पांच माह में थाना शाही और शीशगढ़ क्षेत्र में नौ महिलाओं की हत्या हो चुकी है। अभी तक सही कातिल सामने नहीं आ सके हैं। सभी महिलाएं मेहनत-मजदूरी करके अपना परिवार चलाती थीं, उनकी मौत से परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। उनके लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से मुआवजा दिलाना जरूरी है। विधायक ने बताया कि उन्होंने इन हत्याओं के संबंध में विधानसभा में प्रश्न लगा दिया है, एक-दो दिन में उन्हें बोलने का मौका मिल सकता है।
विकास से संबंधित प्रस्तावों को भी जल्द मंजूरी दिलाने की मांग मुख्यमंत्री से की है। भाखड़ा और किच्छा नदी पर पुल बनवाने, धनेटा, सिंधौली और भिटौरा क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज बनवाने समेत अन्य मांगें भी शामिल हैं।