बिलासपुर । छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा ने कवर्धा जिले में हुए सड़क हादसे में 19 आदिवासियों की मौत को जनहित याचिका माना है। हाई कोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार इस केस की सुनवाई 24 मई को डिवीजन बेंच में होगी।
सरकार ने की घोषणा, परिजनों को 5 लाख और घायलों को 50 हजार दिया जाएगा।
हादसे के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपए और घायल हुए लोगों को 50 हजार रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है।
खस्ताहाल सड़क हादसे की मुख्य वजह.!? सरकार को क्या है जिम्मेदारी..!?
छत्तीसगढ़ में खस्ताहाल सड़कों की वजह से इस तरह के हादसे की संख्या में इजाफा हो रहा है खराब सड़कों की वजह से आम लोगों को अपनी जान देकर इसकी कीमत चुकानी पड़ रही है यही वजह है कि कोर्ट इस पूरे मामले में बेहद गंभीर है।
चीफ जस्टिस ने और भी विषय पर संज्ञान लिया है।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने इससे पहले भी कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर संज्ञान लिया है। इससे पहले बिलासपुर के सेनदरी क्षेत्र में लगातार हो रहे सड़क हादसों पर कोर्ट गंभीर था। वही बिलासपुर संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सिम्स में फैली अवस्थाओं पर भी कोर्ट ने हस्तक्षेप किया था। सड़क और यातायात से जुड़ी मुद्दों पर कोर्ट हमेशा से गंभीरता दिखता आ रहा है। बीते दिनों छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने विद्युत वितरण कंपनी और हाई वोल्टेज टावर पर भी संज्ञान लिया था।
इससे पहले भी चीफ जस्टिस ने प्रदेश की खस्ताहाल सड़कों को जनहित याचिका मानकर राज्य सरकार से जवाब मांगा था।
क्या है पूरा मामला..!?
दरअसल, कवर्धा जिले में कुकदूर थाना क्षेत्र के बाहपानी के पास सोमवार दोपहर भीषण हादसा हो गया था, जिसमें तेज रफ्तार अनियंत्रित पिकअप पलट कर खाई में गिर गई। इस हादसे में 15 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि, चार घायलों ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। वहीं, 10 लोग घायल हैं, जिनका उपचार चल रहा है।