भारत, अमेरिका, सिंगापुर सहित दुनिया के कई देशों में कोरोना के नए वैरिएंट FLiRT (KP.1 और KP.2) के मामले बढ़ते हुए देखे जा रहे हैं। इंडियन सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG या इंसाकॉग) द्वारा साझा की गई जानकारियों के मुताबिक भारत में नए वैरिएंट से संक्रमितों के मामले 325 के आंकड़े को पार कर गए हैं।
कोरोना के नए वैरिएंट को लेकर किए गए शुरुआती अध्ययनों में इसे शरीर में बनी प्रतिरक्षा को चकमा देकर संक्रमण बढ़ाने वाला पाया गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सभी लोगों से लगातार कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करते रहने की अपील की है।
यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने बताया प्रारंभिक शोध में नए वैरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में कुछ म्यूटेशन देखे गए हैं, जो इसकी संक्रामकता को बढ़ाने वाले हो सकते हैं। महामारी विशेषज्ञों ने कहा, जिस गति से इस नए वैरिएंट के मामले बढ़ते जा रहे हैं ऐसे में आशंका है कि ये जल्द ही अब तक सबसे ज्यादा फैलने वाले ओमिक्रॉन के वैरिएंट JN.1 को भी पीछे छोड़ सकता है। सिंगापुर इसका हालिया उदाहरण है जहां दो सप्ताह में ही संक्रमण के मामलों में 90 फीसदी तक का उछाल रिपोर्ट किया गया है।
तो क्या नया वैरिएंट फिलर्ट बहुत संक्रामक है? क्या इसके कारण लोगों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो रही हैं? आइए जानते हैं।
FLiRT वैरिएंट की संक्रामकता
येल मेडिसिन में संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ डॉ स्कॉट रॉबर्ट्स बताते हैं, KP.1 और KP.2 को उनके म्यूटेशन के तकनीकी नामों के आधार पर FLiRT नाम दिया गया है। ये ओमिक्रॉन का ही सब-वैरिएंट है, जो पिछले कुछ वर्षों से दुनियाभर में रिपोर्ट किया जा रहा प्रमुख वैरिएंट है। ओमिक्रॉन वैरिएंट को अत्यधिक संक्रामक माना जाता रहा है और ये प्रतिरक्षा प्रणाली को आसानी से चकमा देने वाला भी देखा गया है।
जॉन हॉपकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की एक रिपोर्ट के अनुसार, फिलर्ट के स्पाइक प्रोटीन में देखे गए म्यूटेशन इसकी संक्रामकता को बढ़ाने वाले माने जा रहे हैं, पर इसके कारण गंभीर रोगों का खतरा होने की आशंका कम ही है।
नए वैरिएंट के कारण गंभीर रोगों का खतरा?
सिंगापुर इस नए वैरिएंट से सबसे प्रभावित देशों में से एक है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यहां हाल में संक्रमित पाए गए अधिकतर लोगों में KP.2 वैरिएंट को ही प्रमुख कारण पाया गया है।
डॉक्टर्स कहते हैं, ज्यादातर लोगों में हल्के लक्षण ही देखे जा रहे हैं और वे आसानी से ठीक भी हो रहे हैं। कोमोरबिडिटी के शिकार लोगों में संक्रमण की स्थिति में लक्षणों के गंभीर रूप लेने का जोखिम हो सकता है, हालांकि संक्रमितों के अस्पताल में भर्ती होने या फिर आईसीयू जैसी जरूरतें कम देखी जा रही हैं।
नए वैरिएंट के लक्षणों के बारे में जानिए
ट्रिनिटी हेल्थ के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और शोधकर्ता डॉ. टैमी लुंडस्ट्रॉम ने एक रिपोर्ट में बताया कि नए वैरिएंट के लक्षण भी कोविड के पहले के वैरिएंट्स से मिलते-जुलते हैं। ज्यादातर संक्रमितों में बुखार या ठंड लगने, खांसी, सांस की तकलीफ या सांस लेने में कठिनाई, थकान, मांसपेशियों या शरीर में दर्द, सिरदर्द, स्वाद या गंध की कमी जैसी दिक्कतें देखी जा रही हैं। अधिकतर संक्रमित बिना लक्षणों वाले देखे जा रहे हैं।
ज्यादातर लोगों का वैक्सीनेशन हो चुका है इसलिए कोरोना संक्रमण के कारण गंभीर रोगों के खतरा कम देखा जा रहा है।
