रायगढ़। रायगढ़ नगर निगम का सफाई अभियान क्या कागजों में चल रहा है। चूंकि ऐसा लगता है कि मस्टर रोल से लेकर सफाई में अपनी कलाकारी दिखाने वाले सफाई दरोगा के भरोसे निगम आयुक्त सब कुछ ठीक ठाक होनें का दावा कर रहे हैं। ऐसा इसलिये लिखा जा रहा है चूंकि चक्रधर नगर क्षेत्र से लगे बंगाली मोहल्ले के लोगों द्वारा फेंके जाने वाले बदबूयुक्त कचरा व मछली के चमडी से लेकर अन्य सामान सड़क किनारे फेंक देने से स्थानीय रहवासी खासे परेशान है और बदबू के चलते रहना तो दूर बल्कि वहां खड़े होना भी दुभर हो गया है।
हिमालया हाईट्स से लगे मिनी औद्योगिक की सड़कें इन दिनों इन मोहल्लों के लोगों द्वारा फेंके जाने वाले गंदे कचरे के चलते निगम से गुहार लगा लगा कर थक चुकी है जबकि निगम आयुक्त के कान में इस इलाके के सफाई दरोगा ने यह मंत्र फूंक दिया है कि मिनी उद्योग क्षेत्र के लोगों द्वारा यूजर चार्ज नही दिया जाता तो वहां कचरा भी नही उठाया जाना चाहिए, जबकि यह कचरा मिनी उद्योग से निकलने वाला कचरा नही है और अटल आवास, बंगाली मोहल्ला तथा सिंधी कालोनी से निकले कचरे के ढेर इस सड़क पर लगाये जाते हैं जिसकी जानकारी सफाई दरोगा व उसकी टीम को है पर अपनी नाकामयाबी छुपाने के लिये इलाके में फैलती गंदगी से निगम का सफाई अभियान बदनाम हो रहा है।
एक जानकारी के अनुसार मिनी उद्योग संघ के अध्यक्ष से लेकर अन्य लोगों द्वारा दर्जनों बार निगम आयुक्त तथा उनके अधिनस्थ कर्मचारियों को सफाई के मामले में अवगत कराया गया, इतना ही नही कुछ लोगों द्वारा यह कहा गया कि अगर जांच में कोई छोटा उद्योग कचरा फेंकने में शामिल पाया जाता है तो उससे युजर चार्ज के साथ-साथ जुर्माने की भी कार्रवाई की जाए लेकिन सड़क के किनारे कचरा उठाने के लिये भी निगम की टीम तेजी से काम करे।
बहरहाल अब देखना यह है कि मिनी उद्योग से लगे इलाके में कचरे के अंबार से उडती बदबू के कारण अगर कोई बीमार पड़ता है तो उसकी जिम्मेदारी निगम आयुक्त या सफाई दरोगा लेते हैं या नही और सफाई करने के नाम पर बेवजह पल्ला झाड लेना इस बात का संकेत है कि निगम का सफाई अभियान केवल कागजों तक सिमित है और कचरा करने वाले लोगों को क्लीन चीट देकर सब कुछ ठीक ठाक होनें का झूठा दावा करते हुए अपनी पीठ थपथपाने में लगा है।