कोरबा में बांकीमोंगरा थाना अंतर्गत एसईसीएल के चार नंबर खदान के बंद पड़े पंखाघर के अंदर में एक व्यक्ति की लाश देखे जाने से हड़कप मच गया।जहा शव का पहचान बांकी मोंगरा के गोपीराम यादव के रूप में की गई। इस घटना की सूचना मृतक के परिजनों को दी गई जहां मौके पर पहुंचे और शव का पहचान किया।
मृतक के परिजनों की माने तो गोपी के दो बेटे और पत्नी है गोपी कभी इलेक्ट्रिशियन का काम करता तो कभी दुकान खोल वाहनों की पंचर बनाता था तीन दिनों पहले गोपी किसी काम से बाहर गया हुआ था लेकिन उसके बाद घर वापस नहीं लौटा 24 घंटा परिजनों ने काफी खोजबीन की जहां एक दिन भी जाने के बाद इसकी सूचना पुलिस को दी गई और अपने स्तर पर रिश्तेदारों और दोस्त यार के अलावा आसपास खोजबीन कर रहे थे। परिजनों को भी नहीं पता की गोपी की मौत कब कैसे और किन परिस्थितियों में हुई होगी
स्थानीय लोगो की माने तो खदान को बंद हुए काफी समय हो गए हैं लेकिन उसमें आज भी जहरीली गैस का असर है जहां उसकी मौत उसे गैस की चपेट में आने से हुई होगी गोपी वहां किस लिए गया होगा इस बात की जानकारी नहीं है।
इस मामले में कहीं न कहीं एसईसीएल की लापरवाही उजागर हुई है,जो बंद पड़े खदान के मुहाने को पूरी तरह से बंद करने को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई।
बांकीमोंगरा थाना प्रभारी तेज यादव ने बताया कि मृतक की पहचान गोपी राम यादव के रुप में की गई है,जो बांकी दो नंबर का निवासी था। बताया जा रहा है,कि गोपी पिछले दो दिनों से लापता था,जिसकी तलाश में परिजन जुटे हुए थे।
गोपी की लाश मिलने के बाद परिवार में मातम का माहौल पसर गया है। पूछताछ के दौरान बात सामने आई है,कि जहरीली गैस के रिसाव से उसकी मौत हुई है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है,कि बंद खदान के मुहाने को पूरी तरह से बंद करने का प्रयास प्रबंधन ने क्यों नहीं किया। कहीं न कहीं इस मामले में प्रबंधन की लापरवाही उजागर हुई है। मुहाने को अगर पूरी तरह से बंद कर दिया जाता तो शायद गोपी आज जिंदा होता।