संजय बोहिदार रायगढ़
रायगढ़. कम चैड़ी सड़कों और संकरी गलियों वाले रायगढ़ शहर में त्यौहारों का मौसम उत्सव की खुशियों के साथ-साथ जगह-जगह जाम जैसी समस्या भी लेकर आता है। उपर से ऐन त्यौहार के समय कार निकालने और कार में घुमने की परंपरा इस समस्या को और विकराल बना देती है। इस बार तो वीआईपी दर्शन और सड़कों पर बने प्रवेश द्वार व विद्युत झालरों की श्रृंखला ने भी पूरे चार दिन श्रद्धालुओं और दर्शन करने के लिये निकलने वाले शहर वासियों को अच्छा खासा परेशान किया। नवरात्रि के दौरान इस बार आई समस्याओं ने एक बार फिर रिंग रोड या शहर के भीतर रायपुर-संबलपुर की तर्ज पर फ्लाई ओवर ब्रिज की जरूरत रेखांकित किया है। सवाल यह उठता है कि क्या हमारे रायगढ़ विधायक व मंत्री शहर की इस भावी जरूरत पर कोई पहल करेंगे।
शारदेय नवरात्र और विजयदशमी पर्व को अपूर्व उत्साह और उमंग के साथ पूरी श्रद्धा से मनाने की रायगढ़ की सुदीर्ध परंपरा रही है। एक तरफ जहां नवरात्रि के दौरान देवी मंदिरों में भक्तों का जमावड़ा जुटता है तो दूसरी ओर षष्टी से लेकर विजयादशमी दशहरा तक शहर के भीतर कई सार्वजनिक स्थानों पर बने भव्य पंडालों में मां दुर्गा की प्रतिमा दर्शन के लिये पूरा शहर ही उमड़ पड़ता है। दुर्गा समितियों के द्वारा भव्य पंडाल की सजावट के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र को भी विद्युत झालरों से सजाकर जगमगा दिया जाता है। जिसके कारण इन दिनों में ऐसा लगता है मानो मां दुर्गा के स्वागत में पूरा शहर ही विद्युत झालरों से सज गया है।
मगर इन त्यौहारों के दौरान हमारे शहर की संकरी सड़कें और गलियां राहगिरों और शहरवासियों के लिये मुसीबत का बायस भी बन जाती है। यातायात और पुलिस महकमे की तमाम कोशिशों के बावजूद जगह-जगह जाम और भीडभाड वाले इलाके से निकलने के लिये लोगों को घंटो इंतजार और जद्दोजहद करना पड़ता है। इस बार भी नवरात्रि पर्व और खासकर षष्टमी से लेकर दशहरा तक चार दिनों के दौरान शहर के भीतर कुछ इसी तरह की समस्याओं का श्रद्धालुओं को सामना करना पड़ा। शारदेय नवरात्र के दौरान हटरी चैक, गौरीशंकर मंदिर रोड, घड़ी चैक, थाना रोड़ आदि कई स्थानों पर सड़क के उपर स्वागत द्वार और उसके भीतर झालर की व्यवस्था करने के कारण सड़कें और संकरी हो गई तथा लोगों को आवाजाही के लिये भारी मशक्कत करनी पड़ी। हंडी चैक में तो स्वागत द्वार के भीतर बड़े-बड़े झालर लगने के कारण लोगों को भीड से निकलने में काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। अव्यवस्थित गाड़ी पार्किंग के कारण मजार के सामने हल्के चार पहिया वाहनों की लंबी कतार लगने के कारण टेªफिक सिपाही जहां जाम हटाने में पसीना बहाते दिखे तो इसके बावजूद अष्टमी और नवमी सहित दशहरे के दिन यहां लोग घंटो जाम की समस्या से जूझते रहे। दरअसल ऐन त्यौहार के समय हमारे शहर के लोगों के द्वारा कार निकालकर तफरीह करने की परंपरा के चलते कई स्थानों पर लोगों को जाम की समस्या से जुझना पड़ा तो वहीं कार सवार भी खासे परेशान रहे और उन्हें जाम से निकलने के लिये घंटो इंतजार करना पड़ा। विदित रहे कि त्यौहार के समय में निकलने वाले इन भारी भरकम कारों में बमुश्किल एक या दो रसूखदार लोग ही बैठे होते हैं जबकि इस कार से करीब 12गुना पांच की जगह घेर ली जाती है। वैसे भी ऐसी कारों में पांच से आठ लोगों की बैठने की व्यवस्था होती है। जो चंद लोगों के चलते अधिक जगह घेरती है और जाम की समस्या का प्रमुख कारण बनती है। अब यह तो कार मालिक ही समझे की ऐन त्यौहारों के समय में कार निकालने की उनकी सोच कहां तक सही है। यही नही ऐन भीड़ भाड वाले समय पर हमारे रायगढ़ के विधायक और मंत्री जी का दर्शनलाभ भी खासकर गौरीशंकर मंदिर रोड और रामनिवास टाकीज रोड में लोगों के लिये समस्या लेकर आया। इन स्थानों पर मंत्री के आगमन के चलते जहां पुलिस व टेªफिक महकमा उनकी सुरक्षा और व्यवस्था में वीआईपी ड्यूटी पर लगा रहा तो दूसरी ओर दर्शन करने के लिये इन मार्गो से गुजरने वाले श्रद्धालुओं को इसी वजह से जाम की समस्या से जुझना पड़ा। जबकि इसके समय में परिवर्तन करके इस समस्या को कम से कम किया जा सकता था। मंत्री जी अगर चाहते तो रात 11 बजे के बाद भी हो सके तो सभी देवी पंडालों में पहुंचकर दर्शन का लाभ उठा सकते थे।
इसी तरह दशहरा पर्व के दिन शहर के प्रमुख तीन स्थानों पर आयोजित होनें वाले रावण दहन कार्यक्रम में भी अलग-अलग समय होनें के कारण लोगों को एक स्थान से दूसरे स्थान की ओर दुपहिया व चार पहिया वाहनों पर दौड़ लगाते देखा गया ओर इसके चलते भी शहर में कई प्रमुख मार्गो पर घंटो जाम की स्थिति बनी रही। जबकि इन स्थानों पर एक समय में रावण दहन का कार्यक्रम किये जाने पर इस पूरी शहर की भीड़ को अलग-अलग स्थलों पर बांटा जा सकता था।
हमारे छोटे से शहर रायगढ़ में साल भर कुछ न कुछ त्यौहार और उत्सव का माहौल रहता है। ऐसे दिनों में भीड़ भाड के कारण यातायात की समस्या आती ही है जो दिनों दिन अब विकराल रूप धरने लगी है। टेªफिक और पुलिस महकमे के लिये इस अव्यवस्था को सम्हालना अब तक टेढी खीर ही रहा है। तमाम कोशिशों के बावजूद ठीक त्यौहार के दौरान पूरे शहर को भीड और जाम की समस्या से दो चार होना ही पड़ता है। ऐसे में शहर की भावी जरूरतों को देखते हुए शहर के चारो ओर रिंग रोड बनाने तथा फ्लाई ओवर ब्रिज की जरूरत अब पड़ने लगी है। रिंग रोड बन जाने से जहां बाहर से आने वाले भारी और हल्के चार पहिया वाहनों को बाहर ही रोका जा सकता है वहीं रायपुर और संबलपुर की तर्ज पर फ्लाई ओवर ब्रिज अब रायगढ़ की भावी जरूरत बनती जा रही है। क्या स्थानीय विधायक और मंत्री इस विकराल होती यातायात समस्या के सही समाधान के लिये इस दिशा में कोई पहल करेंगे।