तेलगांना में बंधक हैं झाराशिल्पी, काम की तलाश में गए थे 150 से अधिक लोग, पीड़ित लगा रहे हैं मुक्ति की गुहार, प्रशासनिक अधिकारी को नही है जानकारी

by Kakajee News

रायगढ़। भारत ही नही बल्कि देश विदेश में अपने हुनर के नाम से पहचाने जाने वाले झारा शिल्पी गरीबी के कारण अपने जीवन यापन के लिये तेलगांना, कर्नाटक जैसे राज्यों में संचालित ईट भट्ठों में बंधक बने हुए हैं और अब इनकी मौतों का सिलसिला भी शुरू हो गया है। गरीबों के लिये बात करने वाली सरकार के नुमाइंदों को इसकी भनक तक नही है। आज सुबह नवीन झारा नामक शिल्पी की लाश भी रायगढ़ पहुंचती है पर उसकी जानकारी न तो श्रम विभाग को है और न ही एसडीएम को और कलेक्टर से बातचीत नही होनें से आगे की जानकारी नही मिल पाई पर इतना तय है कि ग्राम एकताल के पीड़ित बताते हैं कि आज भी तेलगांना के दो तीन गांव में काम की तलाश में पहुंचे करीब डेढ सौ से अधिक लोग बंधक बने हुए हैं जिन्हें संपर्क के लिये वहां के ठेकेदार न तो बात करने देते हैं और जो कोई वापस आने की बात करता है उसकी पिटाई हो जाती है।
रायगढ़ जिला मुख्यालय से मात्र 8 किलोमीटर दूर स्थित झारा शिल्पीयों के गांव में आज सन्नाटा पसरा हुआ है चूंकि यहां रहने वाला एक झारा शिल्पी दो दिन पहले तेलगांना के ईट भट्ठे में काम करने के दौरान मौत की आगोश में चला गया। इतना ही नही वह बीते कई दिनों से अपने परिवार के साथ वहां काम कर रहा था। उसकी पत्नी व भाई बताते हैं कि जब भी वे वापस आने की बात कहते थे तो उनकी पिटाई हो जाती है उनका मोबाईल तक छीन लिया जाता है। बातचीत के दौरान दोनों बताते हैं कि इस संबंध में प्रदेश के वित्त मंत्री से भी शिकायत की गई थी पर अभी तक उनके बाकी साथियों को वापस लाने की कोई पहल नही हुई है। नवीन झारा की मौत के बाद इनका कहना है कि उन्हें सकुशल वापस छत्तीसगढ़ लाया जाये।
घर-घर में राष्ट्रपति पुरूस्कार प्राप्त झाराशिल्पी
एकताल वह गांव है जहां हर घर में झारा शिल्पी की कारीगिरी की कई कहानियां मौजूद है और पांच सौ से अधिक जनसंख्या वाले इस गांव के हर घर में राष्ट्रपति पुरूस्कार प्राप्त शिल्पी रहता है इतना ही नही बीते कई सालों से यहां बच्चे से लेकर युवा, और बुजुर्ग केवल अपनी आजीविका का साधन अपने हुनर से बनाई गई मूर्तियों एवं ढोकरा कला से बनाई गई कलाकृतियां पर ही आश्रित है। जिसके कारण ही इस गांव की पहचान छत्तीसगढ़ ही नही भारत के अलावा देश विदेश में है।

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