पहलगाम हमले के बाद जहां पाकिस्तान और भारत दोनों ओर यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि आतंकवादियों पर भारत का जवाबी हमला किस तरह का होगा, वहीं भारतीय नौसेना और वायुसेना की अचानक तेज हुई गतिविधियों ने इन अटकलों को और हवा दे दी। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार, पाकिस्तान के साथ सीमा पर लागू युद्धविराम समझौते को भी रद्द करने की घोषणा कर सकती है।
भारतीय नौसेना ने पश्चिमी समुद्री क्षेत्र (अरब सागर) में गाइडेड मिसाइल विध्वंसक पोत आईएनएस सूरत से मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। वहीं, बृहस्पतिवार को ही वायुसेना ने मध्यक्षेत्र में राफेल और सुखोई-30 जंगी जहाजों के साथ युद्धाभ्यास ‘आक्रमण’ शुरू किया है। इसके तहत पहाड़ी और जमीनी लक्ष्यों पर हवाई हमलों का अभ्यास किया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि पूर्वी सेक्टर से वायुसेना के उपकरणों के सेंट्रल सेक्टर के लिए रवाना किया गया है। इस युद्धाभ्यास में पायलट असली युद्धक परिस्थितियों में अभ्यास कर रहे हैं जिससे जंग के हालात का अनुभव हासिल हो सके। यह अभ्यास वायुसेना के दो स्क्वाड्रन की अगुवाई में हो रहा है और इसमें सुखोई एसयू-30 भी शामिल हैं। राफेल विमान हरियाणा के अंबाला और पश्चिम बंगाल के हाशिमपुरा में तैनात हैं। अभ्यास में हवा से हवा में मार करने वाले अति उन्नत मीटियोर और लंबी दूरी तक सटीक निशाना लगाने वाले मिसाइल संयक्ष का इस्तेमाल किया जा रहा है। साथ ही वायुसेना के अन्य स्क्वाड्रन भी बड़े स्तर पर तैयारी में जुटे बताए जा रहे हैं। इनमें खासतौर पर मिराज-2000 युद्धक विमान को तैयार किया जा रहा है।
