रायगढ़। कोतरा रोड स्थित श्री राधा कृष्ण प्रणामी मंदिर में बुधवार की संध्या को एक भव्य सत्संग एवं भजन संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें (यू.के.) इंग्लैंड से पधारे श्रीमद्भगवताचार्य अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक डॉ. तिलक चौतन्य शास्त्री महाराज ने अपने अमृतमय वचनों से उपस्थित श्रद्धालुओं को गीता ज्ञान का संदेश दिया। उनका रायगढ़ आगमन प्रेमी भक्तों से मिलने एवं गीता के माध्यम से सत्संग लाभ प्रदान करने के उद्देश्य से हुआ।
कार्यक्रम की शुरुआत श्रीमती रीमा केडिया जी द्वारा श्री राधा-कृष्ण के रस भरे मधुर गीतों एवं भावपूर्ण भजनों के साथ हुई, जिससे पूरा मंदिर प्रांगण भक्ति और श्रद्धा से गूंज उठा। तत्पश्चात धर्मपुर आश्रम से पधारे श्री 108 महेंद्र जी महाराज ने अपने प्रभावशाली प्रवचन से जीवन में धर्म और सदाचार के महत्व पर प्रकाश डाला।
मुख्य आकर्षण रहे डॉ. तिलक चैतन्य शास्त्री जी ने श्रीमद्भागवत गीता के श्लोकों का अर्थ एवं उनके जीवन में प्रयोग पर विस्तारपूर्वक प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि “गीता केवल ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है, जो हमें सत्य, कर्म और भक्ति के मार्ग पर अग्रसर करती है।” उपस्थित भक्तजन उनके मधुर प्रवचन में मंत्रमुग्ध होकर ज्ञान, प्रेम और अध्यात्म का रसपान करते रहे।
इस पावन अवसर पर सैकड़ों भक्तों ने उपस्थित होकर सत्संग एवं भजन संध्या का लाभ उठाया। रायगढ़ के अनेक प्रतिष्ठित नागरिक भी इस आयोजन में सम्मिलित हुए, जिनमें श्री नरेश अग्रवाल (अग्रवाल ट्रेडिंग), श्री विष्णु अग्रवाल (कृष्णा सॉल्वेंट), श्री अजय अग्रवाल (दिनशा आइसक्रीम), श्री सत्यनारायण अग्रवाल (सावित्री राइस मिल) तथा श्री राजेश अग्रवाल (छत्तीसगढ़ एग्रो प्रा. लि.) प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
मंदिर परिसर में भव्य सजावट की गई थी और भक्तजनों के लिए उत्तम व्यवस्था सुनिश्चित की गई। कार्यक्रम के अंत में सभी श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से प्रसाद ग्रहण किया। यह आयोजन शहर में धार्मिक चेतना और भक्ति की अविरल धारा प्रवाहित करने वाला सिद्ध हुआ।
