चहेते ठेकेदार को लाभ पहुंचाने बिना टेंडर के कराया जा रहा काम, निगम में चल रही अधिकारियों व ठेकेदारों के बीच सांठगांठ

by Kakajee News

रायगढ़। नगर निगम में अधिकारियों व ठेकेदारों के बीच सांठगांठ कोई नया खेल नहीं है। ताजा मामला बिना टेंडर के डिवाइडर लगाने का है। यह कार्या कही और नहीं बल्कि नगर निगम के ठीक सामने किया जा रहा है। टेंडर प्रक्रिया नहीं किए जाने पर यह कहा जा रहा है कि विभागीय अधिकारी अपने चहेते ठेकेदार को लाभ पहुंचाने ऐसा कर रहे हैं।
नगर निगम में होने वाले निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर हमेशा से सवाल खड़े होते हैं। पिछले दिनों स्थिति तब और अजीब हो गई थी जब बिना कार्य के ही अधिकारियों से सांठगांठ करते हुए एक ठेकेदार ने राशि आहरित कर ली थी। हालांकि जांच में जब मामला स्पष्ट हुआ कि अधिकारियों से सांठगांठ कर बिना काम के ही राशि आहरित कर ली गई थी, तब संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया। वहीं ठेकेदार से एक साल के लिए ब्लैक लिस्टेड किया गया। इस मामले को लोग पूरी तरह से भुले ही नहीं हैं और अब एक नई गड़बड़ी की बात सामने आ रही है। नगर निगम के ठीक सामने की शहर पर लोहे का डिवाइडर लगाया जा रहा है। हालांकि इसकी आवश्यकता महसूस की गई होगी। निर्माण कार्य कराने से पूर्व इसकी प्रक्रिया का पालन कराया जाना चाहिए था, लेकिन अधिकारियों ने बिना प्रक्रिया के ही निर्माण कार्यों को शुरू करा दिया। यह काम बिना टेंडर के कराया जा रहा है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि नगर निगम के अधिकारी अपने चहेते ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के लिए इस कार्य को करवा रहे हैं।


यह होगा निगम को नुकसान
निर्माण कार्यों में पारदर्शिता रखने के लिए टेंडर की प्रक्रिया की जाती है। इसके पीछे एक और कारण यह होता है कि टेंडर प्रक्रिया में जो फार्म आते हैं उन्हें उसमें जो सबसे कम दर रहता है उसे काम दिया जाता है। इस तरह काम लेने वाले ठेकेदारों के बीच ही प्रतिस्पर्धा होती है, लेकिन टेंडर के अभाव में किसी प्रकार की प्रतिस्पर्धा नहीं हुई। माना जा रहा है कि टेंडर होने पर निगम की कुछ राशि जरुरत बचती।


साइड इंजीनियर को किया दरकिनार
नगर निगम में इंजीनियरों की कमी है। जितने भी इंजीनियर है, उन लोगों में शहर के पूरे 48 वार्डों में होने वाले निर्माण कार्यों के देखरेख की जिम्मेदारी सौंपी गई है। संबंधित क्षेत्र के इंजीनियर से जब बात की गई तो उन्होंने यह स्पष्ट कहा कि वे इस कार्य को नहीं देख रहे हैं। विभागीय अधिकारियों ने इसकी जिम्मेदारी किसे दी है वे इसे भी नहीं जानते। साइड इंजीनियर को इस काम से दूर रखने पर यह मामला और भी संदेहास्पद हो जाता है।


टेण्डर नही, अधिकारियों के निर्देश पर हुआ काम- ईई नगर निगम
नगर निगम के कार्यपालन अभियंता से इस विषय पर चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि इसकी कितनी राशि है। यह फाइल देख कर ही बता पाउंगा। टेंडर नहीं हुआ है। विभागीय अधिकारियों के आदेश पर यह कार्य शुरू कराया गया है।


शिकायत हुई पर नही मिला अपेक्षित जवाब-सभापति
हमारे संवाददाता ने इस संबंध में जब नगर निगम सभापति जयंत ठेठवार से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि इस मामले के अतिरिक्त चार,पांच ऐसे और कार्य हैं जिनकी स्वीकृति बिना टेण्डर के जारी हुई है। इसी विषय को लेकर आज वे भाजपा के पार्षदों के साथ निगम आयुक्त के कक्ष में पहुंचे थे। जहां विषय को रखने के बावजूद निगम आयुक्त से अपेक्षित जवाब नही मिल सका। अब इस मामले को सही फोरम के सामने रखा जाएगा।

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