लखनऊ के इटौंजा में शनिवार रात अमोनिया गैस सिलेंडर फटने से कोल्ड स्टोरेज की दीवार भरभरा कर ढह गई। हादसे के वक्त कोल्ड स्टोरेज में काम कर रहे सात मजदूर मलबे में दब गए। जिनमें से मिश्रीलाल (28) और धर्मेंद्र (28) की मौत हो गई। वहीं दो मजदूरों को गम्भीर हालत में इलाज के लिए केजीएमयू ले जाया गया है। तीन मजदूर लापता हैं। जिन्हें दमकल और पुलिस कर्मी तलाश रहे हैं।
सीओ बीकेटी हृदयेश कठेरिया ने बताया कि माल रोड पर संतोष पाण्डेय का बिंदेश्वरी कोल्ड स्टोरेज है। शनिवार रात नौ बजे करीब कोल्ड स्टोरेज में आलू भरा जा रहा था। कई मजदूर काम कर रहे थे। उसी दौरान अमोनिया गैस सिलेंडर में धमाका हुआ।विस्फोटे की तीव्रता के चलते स्टोरेज की दीवार ढह गई। मलबे में मिश्रीलाल (28), धर्मेंद्र (28) समेत सात लोग दब गए। मजदूरों की चीख और धमाके की आवाज सुन ग्रामीणा कोल्ड स्टोरेज की तरफ पहुंचे। जहां का नजारा देख हर कोई दंग रह गया।
अमोनिया सिलेंडर फटने से गैस रिसाव हो रहा था। जिसकी वजह से लोग को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। ऐसे में तत्काल मलबे में फंसे मजदूरों को निकालने का काम शुरू नहीं हो सका।हादसे की सूचना पर पहुंचे दमकल कर्मियों ने गैस मास्क लगा कर मलबा हटाना शुरू किया।जिसके बाद मिश्रीलाल, धर्मेंद्र, परमानंद और विनोद को बाहर निकाल कर अस्पताल ले जाया गया। सीओ बीकेटी के मुताबिक मिश्रीलाल और धर्मेंद्र की मौत हुई है। वहीं, परमानंद और विनोद की हालत नाजुक बनी हुई है।
पानी छिड़क कर गैस रिसाव किया काबू
एफएसओ बीकेटी शेषनाथ के मुताबिक अमोनिया गैस की गंध तेज होती है। जिसके कारण सांस लेने में दिक्कत होती है। हादसे की सूचना पर पहुंचते ही पानी डाल कर गैस के रिसाव को रोका गया। एफएसओ के अनुसार तीन मजदूरों के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है।उनके मलबे में फंसे होने का अंदेशा है। राहत कार्य किया जा रहा है। शुरुआती जांच में कोल्ड स्टोरेज में सुरक्षा मानकों की अनदेखी किए जाने की बात सामने आई है। गैस सिलेंडर के पास लगा वाल्व भी जाम होने की अंदेशा है।एफएसओ ने बताया कि राहत कार्य पूरा होने के बाद कोल्ड स्टोरेज के सुरक्षा मानकों की पड़ताल कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी