उत्तराखंड के चार प्राइवेट अस्पतालों ने छह कोरोना संक्रमितों के पास आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद इलाज के बदले पैसे वसूल लिए। स्टेट हेल्थ एजेंसी ने इस मामले में सभी मरीजों को तीन लाख रुपये वापस दिलवाए हैं। अब, चारों प्राइवेट अस्पतालों पर पैनाल्टी, महामारी ऐक्ट, आपदा प्रबंधन ऐक्ट, आपराधिक कृत्य पर कार्रवाई की सिफारिश की जा रही है। आयुष्मान योजना को संचालित कर रही स्टेट हेल्थ एजेंसी के चेयरमैन डॉ. डीके कोटिया ने बताया कि, आयुष्मान योजना के तहत राज्य में कोरोना मरीजों का इलाज मुफ्त किया जाना है। लेकिन इसके बावजूद कुछ अस्पताल मरीजों से पैसे वसूल रहे हैं।
उन्होंने बताया कि श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल, सीएमआई, वैलमेड हॉस्पिटल, कालिंदी हॉस्पिटल में भर्ती कुल छह मरीजों की शिकायत के बाद इन्हें कुल तीन लाख के करीब रकम वापस दिलाई गई। उन्होंने बताया कि स्टेट हेल्थ एजेंसी के निदेशक को इन अस्पतालों पर पैनाल्टी लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं। इसके अलावा मरीजों से आयुष्मान कार्ड के बावजूद पैसा लेने वाले इन अस्पतालों पर महामारी ऐक्ट, आपदा प्रबंधन ऐक्ट और आपराधिक कृत्य के मामले में कार्रवाई को भी कहा गया। उन्होंने बताया कि अस्पतालों पर कार्रवाई की सिफारिश सरकार से जल्द की जाएगी। ऐसे अस्पतालों को किसी भी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा।