उत्तर प्रदेश के गोरखपुर की बड़हलगंज कोतवाली में शुक्रवार को एक अजीब नजारा देखने को मिला। परिवार और गांव के कुछ लोगों की उपस्थिति में एक युवती ने सादे कागज पर समझौता लिख अपने पति को तलाक दे दिया। इसके तुरंत बाद थाना परिसर मे बने भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर में भगवान को साक्षी मानकर उसने प्रेमी से विवाह कर लिया। यह घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है।
बताते चलें कि थाना क्षेत्र के गांव नरहरपुर निवासी परमहंस की पुत्री सरिता का विवाह दो वर्ष पूर्व इसी थाना क्षेत्र के गांव पिड़हनी निवासी श्रीकांत के पुत्र राम भुआल से हुआ था। सरिता की मानें तो उसका प्रेम संबंध विवाह के पूर्व से ही गगहा थाना क्षेत्र के करवल मंझगावां निवासी छोटेलाल के पुत्र रंजीत से चल रहा था। प्रेम संबंध की जानकारी दोनों परिवारों को थी। शादी की बात भी चली पर किन्हीं कारणों से विवाह न हो सका। फिर सरिता का विवाह उसके परिवार वालों ने राम भुआल के साथ कर दिया। सरिता विवाह के बाद ससुराल तो गयी पर प्रेमी से संपर्क न तोड़ सकी। दोनों आपस में मिलते रहे। इस बात की जानकारी परिवार को हुई तो कलह बढ़ने लगा। सरिता मायके चली आयी और अंततः पति के साथ न जाकर प्रेमी के साथ घर बसाने का निश्चय किया।
प्रेमी भी सरिता को अपने घर ले जाने को तैयार था। विदाई को लेकर मामला थाने पहुंचा जहां तीनों परिवारों के लोग पहुंचे। सरिता व उसका प्रेमी रंजीत भी थाने पहुंचा। काफी देर तक गहमा-गहमी व वार्तालाप के बाद तीनों पक्ष राजी हुए व एक सादे कागज पर समझौता पत्र लिखा गया जिसके तहत सरिता व उसके पति रामभुआल में तलाक हुआ तो थाने में बने भगवान श्रीकृष्ण मंदिर में दोनों पक्ष के परिजनों व ग्रामीणों की उपस्थिति में सरिता व रंजीत का विवाह हुआ। अब रंजीत सरिता को उसके मायके से विदा करा अपने घर ले जाएगा। माहौल कहीं खुशी, कहीं गम वाला रहा। पति राम भुआल के चेहरे पर विछोह की रेखाएं परिलक्षित हो रही थीं तो सरिता व रंजीत के चेहरे पर प्रेम के मिलन की खुशियां स्पष्ट दिखाई पड़ रही थीं। थाने में हुई इस शादी की चर्चा नगर और आसपास के गांवों में खूब हो रही है।