रायगढ़।आपदा शब्द का प्रयोग असाधारण स्केल पर आने वाली विपदा के लिए होता है। स्वाभाविक तौर पर जब कोई विपदा बड़े पैमाने पर आती है तो उपलब्ध संसाधनों के त्वरित विस्तार की आवश्यकता होती है। कोविड संक्रमण की ऐसी आपदा जनक स्थिति में उससे निपटने के लिये मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार जिला स्तर पर संसाधनों की तैयारियां भी आपदा के स्केल के मुताबिक रखी गई। जिले के प्रभारी मंत्री श्री रविन्द्र चौबे और उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल द्वारा समीक्षा बैठकों में दिए निर्देशों के अनुरुप जिला प्रशासन ने लगातार कार्य किया। कलेक्टर श्री भीम सिंह के नेतृत्व में रायगढ़ जिला प्रशासन ने हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर लगातार काम किया। जिसका परिणाम यह रहा कि कोविड मरीजों के उपचार के लिये आज रायगढ़ जिले में लगभग 130 आईसीयू, 1132 ऑक्सीजन बेड सहित 1854 बेड का इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध है। जिसमें से 82 आईसीयू और 773 ऑक्सिजनेटेड बेड के साथ कुल 1340 बेड शासकीय कोविड अस्पतालों में मौजूद है। आज की स्थिति में जिले में 55 आईसीयू, 463 ऑक्सिजनेटेड सहित कुल 875 बेड रिक्त हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो जिला प्रशासन ने आपदा के मुताबिक अतिरिक्त ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था सुरक्षित रखी। यही नहीं अपने पीक के दौर में भी रायगढ़ जिले में ऑक्सीजन बेड की किसी तरह की कमी नहीं थी और न ही ऑक्सीजन की किसी प्रकार की कमी हुई। यह आपदा के मुताबिक तैयारी करने वाले जिला प्रशासन की सजगता की वजह से संभव हो पाया। कलेक्टर श्री भीम सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि हमें तेजी से इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना है ताकि किसी भी प्रकार की आपदा से निपटने में हम पूरी तरह से सक्षम रहें। जिले में ऑक्सीजन बेड की उपलब्धता के अच्छे नतीजे सामने आए हैं। रिकवरी रेट काफी अच्छा है। अभी यह लगभग 88 फीसदी है और यह हर दिन बेहतर हो रहा है। कलेक्टर श्री भीम सिंह ने इंटेंसिव केयर यूनिट की व्यवस्था के भी विशेष निर्देश दिए थे। इसके लिए 10 इनवेसिव वेन्टीलेटर्स के साथ 50 नॉन इनवेसिव वेंटीलेटर्स बाइपेप मशीनें भी खरीदी गयी। जिले में पीक के समय में लगभग 1200 केस आये, इस लिहाज से जिला प्रशासन का इंफ्रास्ट्रक्चर कोविड का सामना करने पूरी तरह से तैयार था और आपदा जिस स्केल पर आई उससे अधिक तैयारी जिला प्रशासन की थी। कलेक्टर श्री भीम सिंह ने यह भी सुनिश्चित किया कि ऑक्सीजन सप्लाई सुनिश्चित रहे इसके लिए फ्लो मीटर की व्यवस्था की गई। इसके लिए उन्होंने देशभर में संपर्क किया कहीं पर डीलरों से आपूर्ति हुई और कहीं पर डीलर जब आपूर्ति नहीं कर पाए तो दूसरे जिलों के अपने साथी आईएएस ऑफिसर से इस बारे में चर्चा की और फ्लोमीटर की व्यवस्था सुनिश्चित कराई।
विकासखंडों में भी तैयार किया जा रहा है मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर
कलेक्टर श्री सिंह ने यह भी सुनिश्चित किया कि विकास खंडों में भी ऑक्सीजन बेड की पर्याप्त व्यवस्था हो। इसके लिए विकासखंड स्तर पर ऑक्सीजन की सुविधायुक्त कोविड केयर सेंटर्स शुरू किए गए। इन कोविड केयर सेंटर्स में नॉन इनवेसिव वेन्टीलेटर्स भी दिए गए हैं। जिससे गंभीर मरीजों को विकासखंड स्तर पर इलाज सुनिश्चित हो। इसके साथ ही तीसरी वेव से निपटने के लिए भी जिला प्रशासन द्वारा तैयारियां की जा रही है। प्रत्येक विकासखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 50 बेड के ऑक्सीजन पाइपलाइन तैयार किए किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। तीसरी लहर में बच्चों के बड़े पैमाने पर संक्रमित होने की आशंका पर इसकी व्यवस्था भी कराई जा रही है।