कोरोना महामारी की वजह से परिवार में कमाने वाले शख्स की मौत हो जाने की स्थिति में मोदी सरकार परिजनों को पेंशन देगी। आश्रित परिवार के सदस्यों को औसत दैनिक वेतन के 90 फीसदी के बराबर यह पेंशन दी जाएगी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने शनिवार को यह जानकारी दी। पीएमओ ने कहा, ”परिवार के लिए आय अर्जित करने वाले सदस्य की कोविड-19 के कारण जान जाने पर आश्रितों को पेंशन दी जाएगी। आश्रितों के लिए पेंशन के अलावा, सरकार कोविड-19 से प्रभावित परिवारों के लिए बढ़ा हुआ बीमा मुआवजा भी सुनिश्चित करेगी।” उधर, पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार कोविड-19 पीड़ितों के परिवारों के साथ खड़ी है और उनके सामने आ रहीं वित्तीय दिक्कतों को कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
इसके अलावा, सरकार ने कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को 18 वर्ष की उम्र के बाद मासिक भत्ता (स्टाइपेंड) देने का भी ऐलान किया है। ऐसे बच्चों के 23 साल के होने पर पीएम केयर्स फंड से दस लाख रुपये की निधि दी जाएगी। साथ ही ऐसे बच्चों के लिए निशुल्क शिक्षा भी सरकार सुनिश्चित करेगी। पीएमओ ने यह ऐलान करते हुए कहा, ”कोविड-19 के कारण अपने अभिभावकों को खोने वाले बच्चों को उच्च शिक्षा ऋण के लिए सहायता दी जाएगी। पीएम केयर्स फंड से ब्याज मिलेगा। वहीं, बच्चों को 18 वर्ष की उम्र तक पांच लाख रुपये का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा, जिसके प्रीमियम का भुगतान पीएम केयर्स फंड से किया होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बच्चे भारत के भविष्य का प्रतिनिधित्व करते हैं। हम उनका समर्थन करने, उनकी रक्षा करने के लिए सब कुछ करेंगे। समाज के रूप में यह हमारा कर्तव्य है कि हम अपने बच्चों की देखभाल करें और उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद करें। मालूम हो कि कोरोना वायरस की वजह से बड़ी संख्या में बच्चे अनाथ हो गए हैं। पहले की तुलना में काफी घातक रही दूसरी लहर में कई बच्चों के माता-पिता, दोनों की महामारी की वजह से जान चली गई है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने भी राज्य सरकारों को इन बच्चों की देखभाल करने के लिए कहा है।
इसी दिशा में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्य सरकारें भी काम कर रही हैं। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोरोना से अनाथ हो चुके बच्चों को प्रतिमाह चार हजार रुपये का भत्ता देने की घोषणा की है। वहीं, बिहार सरकार भी उन सभी बच्चों की सहायता करने के लिए आगे आई है, जो कोरोना के कारण अनाथ हो गए हैं। अनाथ हुए सभी बच्चों को सरकार 18 साल के होने तक हर महीने एक हजार रुपये सहायता के तौर पर देगी। यह राशि समाज कल्याण विभाग की तरफ से बच्चों को दी जाएगी। बच्चों को मदद पंहुचाने के लिए समाज कल्याण विभाग ने सभी जिलाधिकारियो को आवेदन लेने का निर्देश जारी किया है।