कोराेना लॉकडाउन पलायन: कर्फ्यू में प्रवासियों को पहुंचाया घर लेकिन अब अटके भुगतान के लिए भटक रहे

by Kakajee News

एक साल पहले प्रवासियों को उनके घर तक छोड़ने और कोरोना जुड़े अन्य कार्यों के लिए अधिग्रहण की गई एक हजार से अधिक निजी बस और मैक्सी कैब का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया। इससे वाहन मालिक परेशान हैं। ड्राइवर-कंडक्टर मालिकों पर पैसा देने के लिए दबाव बना रहे हैं। बस मालिक आरटीओ और आरटीओ दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनको बजट नहीं होने की बात कहकर अफसर वापस लौटा रहे हैं। बीते साल मार्च में कोरोना संकट शुरू हुआ। सरकार ने लॉकडाउन लगाया। तब विभिन्न राज्यों से प्रवासी लौटे। प्रशासन ने परिवहन विभाग के माध्यम से सभी जिलों में प्रवासियों को उनके घरों तक सुरक्षित छोड़ने के लिए बस और टैक्सी-मैक्सी का अधिग्रहण किया। इसके साथ ही कोरोना मरीजों को क्वारंटाइन सेंटर तक छोड़ने और कोरोना जांच टीमों के लिए भी वाहन अधिग्रहण किए गए। देहरादून जिले में करीब दो हजार वाहनों का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन इसमें 40 फीसदी वाहनों का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया। उधर यातायात सहकारी संघ के अध्यक्ष मनोज ध्यान के अनुसार, ऋषिकेश में 350 वाहन अधिग्रहित किए गए थे, जिनमें से 20 फीसदी वाहन संचालकों का भुगतान रुका हुआ है।

केस-1: देवेश डोभाल की बस श्रीनगर से अधिग्रहण की गई थी। बस से प्रवासियों को उनके घर तक छोड़ा गया, लेकिन अभी तक भुगतान नहीं हो पाया। जबकि देवेश कई बार आरटीओ पौड़ी के दफ्तर भुगतान के लिए जा चुके हैं। उनका कहना है कि भुगतान नहीं होने से परेशानियां झेलनी पड़ रही है। ड्राइवर और कंडक्टर भुगतान के लिए दबाव बना रहे हैं।
केस-2: हमारे रिस्पना टैक्सी स्टैंड की करीब 20 गाड़ियां पिछले साल से निरंतर कोविड कार्यों में लगी हुई हैं। खुद मेरी दो मैक्सी कैब लगी हुई हैं। कुछ मैक्सी मालिकों को एक-एक लाख रुपये मिले हैं, लेकिन मुझे अभी तक एक पैसा नहीं मिल पाया। हम लगातार भुगतान की मांग कर रहे हैं, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही।

केस-3:यातायात सहकारी संघ के अध्यक्ष मनोज ध्यानी ने बताया कि कंपनी के मोटर मालिक दीपक रावत की बस पिछले साल कोविड कार्यों में रही। पांच दिन तक प्रवासियों को उनके घर छोड़ने का काम किया, लेकिन अभी तक भुगतान नहीं मिला। बताया कि उनकी कंपनी की कुछ और बसें भी हैं, जिनका भुगतान नहीं हुआ।
पौड़ी में नहीं हुआ वाहनों का भुगतान : जिले में वाहन स्वामी भुगतान के लिए आरटीओ दफ्तर के चक्कर काटने को मजबूर हैं। यहां 97 मैक्सी कैब और एक बस का 25 लाख आठ हजार रुपये बकाया चल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि बजट के लिए डिमांड भेजी गई है। बजट मिलने के बाद भुगतान कर दिया जाएगा।
कोविड कार्यों में लगे वाहनों के लिए जिलों के बजट की डिमांड मांगी थी। हमारे पास जितनी डिमांड आई थी, उस हिसाब से बजट भेज दिया था। कुछ बजट बचा हुआ है, जो वाहन स्वामी रह गए हैं, उनको जल्द भुगतान किया जाएगा।

एसके सिंह, परिवहन उपायुक्त

पिछले साल जिन वाहनों का अधिग्रहण किया था, उनका बिल 50 लाख रुपये बना था। हमने जिला प्रशासन के माध्यम से बजट की मांग की थी। इसमें हमें 25 लाख रुपये मिल गए थे, जो बांट दिए थे। अब करीब 40 फीसदी वाहनों का भुगतान लंबित है। कुछ बजट मिला है, जल्द भुगतान कर दिया जाएगा।
दिनेश पठोई, आरटीओ देहरादून

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