उत्तर बिहार में नदियों के जलस्तर में हुई वृद्धि के कारण ग्रामीणों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ ने हर तरफ तबाही मचाई है। बारिश और बाढ़ की वजह से लोगों की परेशानी बढ़ गई है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में कई शादियां भी प्रभावित हुई है। इन सब के बीच हौसले और जज्बे का मामला देखने को मिला है, जिसकी चर्चा हर ओर हो रही है।
बेतिया जिले के बगहा अनुमंडल के चूडीहरवा गांव से एक बारात निकालने के लिए दूल्हे के परिवार को चचरी पुल (बांस का पुल) बनाना पड़ा। रामनगर प्रखंड के चूड़ीहरवा गांव के बबलू की बारात निकलने वाली थी। लेकिन बारात निकलने पहले ही गांव की सड़क का मेन रोड से संपर्क भंग हो गया। ऐसे में पानी को पार कर गांव से बारात निकाल पाना संभव नहीं था।
पिता ने अपनी बेटे की शादी की पूरी तैयारी कर रखी थी। घर में मेहमान और रिश्तेदार भी पहुंच गए थे, लेकिन अचानक उनका गांव पूरी तरह बाढ़ से घिर गया। गांव में अचानक आई बाढ़ ने शादी की तैयारियों पर पानी फेर दिया। ऐसे में कोइ राह नहीं देख दूल्हे के परिवार व पड़ोसियों ने गांव से सड़क सड़क तक जाने के लिए चचरी पुल का निर्माण कर दिया।
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रास्ता नहीं होने की वजह से दूल्हे को मोटरसाइकिल का सहारा लेना पड़ा। मोटरसाइकिल पर ही दूल्हे की परछावन हुई। चचरी पुल बनाने के बाद दूल्हा अपने ससुराल मोटरसाइकिल से बारातियों के साथ भंगहा पहुंचा। दूल्हे के पिता ने चचरी पुल बनाने का खर्च स्वयं ही उठाया।