ओपी जिंदल विश्वविद्यालय का प्रथम दीक्षांत समारोह 5 जुलाई को संपन्न , हमें ऐसी शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता है जो सकारात्मक तरीकों पर आधारित शिक्षण और सीखना हो, जो आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित कर सके।”-सुश्री अनुसुइया उइके, राज्यपाल, छत्तीसगढ़

by Kakajee News


रायगढ़- ओपी जिंदल विश्वविद्यालय, रायगढ़ के प्रथम दीक्षांत समारोह का आयोजन 5 जुलाई 2021 को संपन्न हुआ। कोविड संक्रमण की स्थिति को देखते हुए दीक्षांत समारोह का आयोजन ऑनलाइन मोड में किया गया जिसमे 82 विद्यार्थियों को मेडल और 718 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गयी। विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह की मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके और साथ ही साथ विशिष्ट अतिथियों के रूप में जिंदल स्टील एन्ड पावर लिमिटेड के चेयरमैन श्री नवीन जिंदल, सोहार विश्वविद्यालय, ओमान के कुलपति प्रोफ़ेसर बैरी विन, आईआईटी, भुबनेश्वर के निदेशक डॉ रत्नम वी. राजकुमार, छत्तीसगढ़ प्राइवेट यूनिवर्सिटी रेगुलेटरी कमीशन के चेयरमैन डॉ शिव वरन शुक्ला तथा ओपी जिंदल विश्वविद्यालय के चांसलर श्री प्रवीण पुरंग ऑनलाइन माध्यम से उपस्थित रहे।


समारोह का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया गया और विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ आर. डी. पाटीदार ने अपने स्वागत सम्बोधन में सभी अतिथियों का हार्दिक स्वागत किया और विश्वविद्यालय का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। डॉ पाटीदार ने डिग्री एवं मेडल प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई प्रेषित करते हुए कहा की दीक्षांत समारोह न केवल छात्रों के लिए बल्कि विश्वविद्यालय के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण दिन होता है और चूँकि यह ओपी जिंदल विश्वविद्यालय का प्रथम दीक्षांत समारोह है इसलिए यह न केवल महत्वपूर्ण बल्कि विश्वविद्यालय के लिए एक ऐतिहासिक दिन भी है। अपने प्रतिवेदन में सन 2014 में विश्वविद्यालय की स्थापना के पीछे उद्देश्य से लेकर अब तक बहुत कम समय में प्राप्त हुई शैक्षिक विकास, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, नवाचार , रिसर्च एवं सामाजिक कार्यों के क्षेत्र विश्वविद्यालय की उपलब्धियों के बारे में बताया। अपने प्रतिवेदन में डॉ पाटीदार ने बहुत कम समय में विश्वविद्यालय को प्राप्त हुए सम्मानों की जानकारी साझा करते हुए कहा की ओपी जिंदल विश्वविद्यालय, संरक्षक श्री नवीन जिंदल जी के सपनों को पूरा करने एवं विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए कटिबद्ध है और शीघ्र ही विश्व स्तर पर अपनी पहचान स्थापित करेगा।


छत्तीसगढ़ प्राइवेट यूनिवर्सिटी रेगुलेटरी कमीशन के चेयरमैन डॉ शिव वरन शुक्ल ने अपने सम्बोधन में मूल्य आधारित शिक्षा की बात करते हुए विद्यार्थियों को अपनी जिम्मेदारियों को पहचानने और पूरा करने के लिए तैयार रहने के लिए प्रेरित किया। डॉ शुक्ल ने ओपी जिंदल विश्वविद्यालय के प्रति अपने अनुभवों को साझा करते हुए विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की जा रही मूल्य आधारित शिक्षा की सराहना की। आईआईटी, भुबनेश्वर के निदेशक डॉ रत्नम वी. राजकुमार ने अपने विशेष सम्बोधन में नयी तकनीकों एवं डिजिटल टेक्नोलोजी के महत्त्व के बारे में बात करते हुए सभी विद्यार्थियों को सतत रूप से समयानुरूप अपने आपको नयी तकनीकों से अपग्रेड करने और अपना कैरियर सफल बनाने के लिए प्रेरित किया। सोहार विश्वविद्यालय, ओमान के कुलपति प्रोफ़ेसर बैरी विन ने अपने विशेष उद्बोधन में प्रथम दीक्षांत समारोह की बधाई देते हुए न्यू मिलेनियम की चुनौतियों एवं नए स्किल सेट्स के बारे में बात किया और साथ ही साथ छात्रों को न्यू मिलेनियम की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहने के लिए कहा। ओपी जिंदल विश्वविद्यालय के चांसलर श्री प्रवीण पुरंग ने सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा की लाइफ लॉन्ग लर्निंग अब एक अवधारणा नहीं है, बल्कि आधुनिक दुनिया की वास्तविकता है। इसलिए अपनी पढ़ाई कभी बंद न करें। करियर के दरवाजे खोलने के लिए डिग्री सिर्फ एक कुंजी है लेकिन सीखने से आपको प्रगति करने, हासिल करने और गर्व करने के लिए एक कहानी बनाने का अवसर मिलेगा। इसलिए अपने सपनों पर ध्यान दें, परिकलित जोखिम लेने के लिए तैयार रहें और असफलताओं से विचलित न हों और अपने विश्व विद्यालय के साथ सम्बन्ध बनाये रखें।
ओपी जिंदल विश्वविद्यालय संरक्षक एवं जिंदल स्टील एन्ड पावर लिमिटेड के चेयरमैन श्री नवीन जिंदल ने दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए सभी रैंक होल्डर्स और डिग्री पाने वाले विद्यार्थियों को बधाई एवं उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। श्री जिंदल ने कहा की ओपी जिंदल विश्वविद्यालय आदरणीय श्री ओमप्रकाश जी जिंदल (बाबुजी ) के सपनो के वास्तविक परिणति है जिहोने हमेशा समाज के लिए सदुपयोगी कार्य करने के लिए प्रेरित किया, जिहोने कहा की जिस समाज से हम बहुत कुछ लेते हैं , हमें किसी न किसी रूप में समाज को वापिस भी करना चाहिए। ओपी जिंदल विश्वविद्यालय की प्रगति से संतुष्टि व्यक्त करते हुए उन्होंने इसे विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय बनाने के लिए पूर्ण सहयोग प्रदान करने की बात की। विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा की सफलता आसानी से नहीं मिलती, बड़े सपने देखें, खूब मेहनत करें और अपने सपनों को साकार करें।
प्रथम दीक्षांत समारोह की मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके ने राजभवन, रायपुर से वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित करते हुए विश्वविद्यालय एवं विद्यार्थियों को दीक्षांत समारोह की बधाई देते हुए प्रसन्नता व्यक्त किया की ओपी जिंदल विश्वविद्यालय में नवोन्मेषी शैक्षिक कार्यक्रम तथा अनुसंधान, परामर्श और प्रकाशन आदि में स्तरीय कार्य किये जा रहे हैं जो छात्रों के साथ-साथ समाज के लिए अत्यंत उपयोगी हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत को युवाओं का देश कहा जाता है और अनुमान है कि 2030 तक दुनिया के सर्वाधिक युवा हमारे देश में होंगे। इस तरह की स्थिति, एक बड़ी मात्रा में परिवर्तन की आवश्यकता की मांग करती है और निकट भविष्य में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी परिवर्तन की । हमें ऐसी शिक्षा प्रणाली की आवश्यकता है जो सकारात्मक तरीकों पर आधारित शिक्षण और सीखना हो, जो आत्मनिर्भरता को प्रोत्साहित कर सके।
चांसलर की अनुमति के पश्चात कुलपति डॉ आर. डी. पाटीदार द्वारा बीटेक, एमटेक , बीबीए, एमबीए और एमएससी के रैंक होल्डर्स को 29 गोल्ड मेडल, 28 सिल्वर मेडल और 25 ब्रॉन्ज़ मेडल प्रदान किया गया और स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग के डीन डॉ पी. एस. बोकारे, कम्प्यूटर साइंस एन्ड इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष डॉ अशोक भंसाली, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष डॉ श्रीकांत प्रसाद, मेकेनिकल इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष डॉ एस चक्रबर्ती, स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट के एसोसिएट डीन डॉ शेषदेव नायक और स्कूल ऑफ़ साइंस के असिस्टेंट डीन डॉ गिरीश चंद्र मिश्रा ने विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान किया। कार्यक्रम के समापन के अवसर पर ओपी जिंदल विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो अनुराग विजयवर्गीय ने सभी माननीय अतिथियों, अभिभावकों, प्राध्यापकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों को अपना अमूल्य समय देकर कार्यक्रम को सफल एवं ऐतिहासिक बनाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम का सञ्चालन मानविकी विभाग के प्राध्यापक डॉ संजय कुमार सिंह ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में विद्यार्थी एवं अभिभावकगण ऑनलाइन माध्यम से कार्यक्रम से अंत तक जुड़े रहे।

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