मां तो नौ महीने की बेटी और तीन साल के बेटे को उनके हाल पर छोड़कर चुपचाप चलती बनी, पिता की समझ में नहीं आ रहा है कि वह उनका पालन-पोषण करे या काम पर जाए। काफी दिनों तक उलझन में फंसे रहने के बाद गुरुवार को बरेली में दरगाह आला हजरत पहुंचे इस शख्स ने यह कहते हुए मदद की गुजारिश की कि वह न अपने बच्चों को मां का प्यार दे पा रहा है न उनकी देखभाल कर पा रहा है। उसके बच्चे किसी को दिला दिए जाएं। दरगाह पर गुरुवार को जमात रजा मुस्तफा की ओर से जनता दरबार लगता है। फतेहगंज पश्चिमी के माधौपुर माफी गांव का अब्दुल्ला जनता दरबार में पहुंचा। उसने बताया कि वह फल का ठेला लगाता है। उसकी बीवी मुरदाना करीब महीने भर पहले चुपचाप दोनों बच्चों को छोड़कर चली गई। इसके बाद वह चाहकर भी उनके लिए मां की कमी पूरी नहीं कर पा रहा है।
उन्होंने पुलिस से अपनी पत्नी को तलाश करने की फरियाद की लेकिन पुलिस ने उनकी कोई मदद नहीं की। अब्दुल्ला ने कहा कि उसके बच्चों को किसी ऐसी संस्था या व्यक्ति को दिला दिया जाए जो उनकी देखभाल कर सके। दरगाह में फरियादें सुन रहे जमात के महासचिव फरमान हसन खान फरमान मियां के कहने पर पीआरओ मोइन खान ने एसपी देहात और थाना फतेहगंज पश्चिमी के इंस्पेक्टर को फोन किया लेकिन बात नहीं हो पाई। मोइन खान ने बताया कि इस पर विचार किया जा रहा है कि इस मामले में क्या मदद की जा सकती है।
खुद भूखा रहकर भरता हूं बच्चों का पेट
अब्दुल्ला ने बताया कि बच्चों की वजह से वह काम पर नहीं जा पाता। खुद भूखे रहकर भी किसी तरह बच्चों के लिए दूध का इंतजाम करता है। उसने कहा कि वह बच्चों को सब कुछ दे सकते है, मगर मां की कमी पूरा नहीं कर सकता। काम-धंधा छूट जाने से घर में खाने के लाले पड़ गए हैं।