छत्तीसगढ़ का असली ‘बाजीगर’ कौन? कांग्रेस विधायक दिल्ली पहुंचे, हाईकमान से मुलाकात कर भूपेश बघेल समझाएंगे पूरी बात

by Kakajee News

पंजाब, राजस्थान की तरह ही छत्तीसगढ़ कांग्रेस में भी घमासान जारी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बीच ‘छत्तीस’ के आंकड़े ने कांग्रेस के सियासी समीकरण को उलझा दिया है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में सियासी टकराव के बीच कांग्रेस नेतृत्व से मुलाकात के लिए सभी विधायक दिल्ली पहुंच चुके हैं। माना जा रहा है कि आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शुक्रवार को दिल्ली पहुंचेंगे और पार्टी नेतृत्व के साथ मुलाकात करेंगे।

गुरुवार की देर रात दिल्ली पहुंचे छत्तीसगढ़ के कांग्रेस विधायकों के साथ राज्य के कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया ने अपने आवास पर एक बैठक की। हालांकि, इससे पहले खुद पुनिया ने कहा था कि सिर्फ भूपेश बघेल ही दिल्ली आएंगे और किसी विधायकों को नहीं बुलाया गया है। मगर बघेल के समर्थक कहे जाने वाले कई विधायक गुरुवार रात दिल्ली पहुंचे हैं और कुछ विधायक शुक्रवार सुबह दिल्ली पहुंच सकते हैं।

कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि हम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के लोगों की सेवा कर रहे हैं। हम यहां के हालात के बारे में हाईकमान से बात करेंगे। सूत्रों का कहना है कि बघेल कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात करेंगे और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी या पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से भी मिल सकते हैं। मुख्यमंत्री बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के बीच चल चल रहे टकराव की स्थिति को देखते हुए विधायकों का दिल्ली पहुंचने को लेकर यह चर्चा गर्म है कि मुख्यमंत्री का कांग्रेस आलाकमान के समक्ष शक्ति प्रदर्शन करने के प्रयास हैं।

हालांकि, बघेल के करीबियों ने इससे इनकार किया है। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री का सोनिया गांधी और राहुल गांधी में पूरा विश्वास है तथा शक्ति प्रदर्शन जैसी की कोई बात नहीं है। बघेल के समर्थक विधायक देवेंद्र यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल के नेतृत्व में हम छत्तीसगढ की जनता की सेवा कर रहे हैं। हम आलाकमान से बात करेंगे। सभी विधायक एकजुट हैं।

दूसरी तरफ, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि आलाकमान ने किसी कांग्रेस विधायक को दिल्ली नही बुलाया है। प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा है कि किसी विधायक को दिल्ली नहीं बुलाया गया। विधायक आलाकमान के निर्देशों का पालन करें और अनुशासन में रहें।

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