मोदी सरकार किसानों की आय दोगुनी करने का हर संभव प्रयास कर रही है। सरकार किसान सम्मान निधि योजना (PM-KISAN) के जरिए किसानों की मदद कर रही है। लेकिन अब भी देश में आधे से अधिक किसान परिवार कर्ज के बोझ तले दबे हैं। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के सर्वे के अनुसार, 2019 में 50 फीसदी से ज्यादा किसान परिवार कर्ज के बोझ तले दबे थे। इन पर औसतन 74,121 रुपये का कर्ज था।
50.2 फीसदी किसान परिवारों ने लिया कर्ज
एनएसओ ने अपने सर्वे में कहा कि किसानों के कुल बकाया कर्ज में से सिर्फ 69.6 फीसदी ही बैंक, सहकरी समितियों और सरकारी एजेंसियों जैसे संस्थागत स्रोतों से लिया गया था। वहीं 20.5 फीसदी कर्ज पेशेवर सूदखोरों से लिया गया था। कुल कर्ज में 57.5 फीसदी लोन कृषि उद्देश्य से लिया गया। 50.2 फीसदी किसान परिवारों ने कर्ज लिया है।
कृषि वर्ष 2018-19 में प्रति कृषि परिवार की इतनी थी मासिक आय
कृषि वर्ष 2018-19 में हर एक किसान परिवार की औसत मासिक आय 10,218 रुपये थी। 10,218 रुपये में से मजदूरी से हरि परिवार की औसत आय 4,063 रुपये थी, फसल उत्पादन से 3,798 रुपये, पशुपालन से 1,582 रुपये, गैर-कृषि व्यवसाय 641 रुपये और भूमि पट्टे से 134 रुपये की आय थी।
30 जून 2018 तक ग्रामीण इलाकों के 35 फीसदी परिवारों ने लिया कर्ज
30 जून 2018 तक ग्रामीण क्षेत्रों में 35 फीसदी परिवारों ने कर्ज लिया था। इसमें 40.3 फीसदी कृषि परिवार थे और 28.2 फीसदी गैर कृषि परिवार थे। वहीं शहरी क्षेत्र के 22.4 फीसदी परिवारों ने कर्ज लिया था। इसमें 27.5 फीसदी स्व-रोजगार से जुड़े परिवार थे और 20.6 फीसदी अन्य परिवार थे।
देश में 9.3 करोड़ है कृषि परिवारों की संख्या
एक अनुमान के अनुसार, देश में कृषि परिवारों की संख्या 9.3 करोड़ है। इसमें अन्य पिछड़े वर्ग (ओबीसी) 45.8 फीसदी, अनुसूचित जाति 15.9 फीसदी, अनुसूचित जनजाति 14.2 फीसदी और अन्य 24.1 फीसदी हैं।