तीन दिन की दुल्हन कैसे बनी आठ पुलिस वालों की हत्यारी

by Kakajee News

बिकरू कांड में आरोपी नाबालिग की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार से पक्ष रखने को कहा है। हाईकोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद नाबालिग की ओर से कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य व सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तंखा ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका पर दो सदस्यीय खंडपीठ ने सुनवाई की। सरकार का जवाब आने के बाद ही तय हो सकेगा कि नाबालिग को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलेगी या नहीं। चौबेपुर के बिकरू गांव में 2 जुलाई 2020 की रात गैंगस्टर विकास दुबे के घर दबिश देने गई पुलिस टीम पर हमला कर बिल्हौर सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई थी। इसी मामले में गांव में तीन दिन पहले ब्याह कर आई किशोरी पर भी हत्याकांड में शामिल होने का आरोप है।


पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था। पुलिस का दावा था कि वह बालिग है लेकिन किशोर न्याय बोर्ड में वह नाबालिग साबित हो गई थी। जिसके बाद उसे बाराबंकी के राजकीय संप्रेक्षण गृह में रखा गया था। गंभीर आरोप के चलते पहले सेशन कोर्ट फिर हाईकोर्ट से नाबालिग की जमानत याचिका खारिज हो चुकी है। अब नाबालिग ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।


 
इंस्पेक्टर से रोते हुए बोली…सर आपने तो मेरी जिंदगी ही बर्बाद कर दी
सर आपने तो कहा था कि चलो कुछ जानकारी लेनी है, पूछताछ के बाद छोड़ देंगे। आपने तो मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी। किशोर न्याय बोर्ड से इजाजत लेकर नाबालिग ने इंस्पेक्टर चौबेपुर कृष्ण मोहन राय से ये सवाल किए तो उनकी नजरें झुकी रह गईं। साथ ही वहां मौजूद हर सदस्य एकदम शांत हो गया। दो जुलाई 2020 को हुए बिकरू कांड में कुख्यात आरोपियों के साथ नाबालिग को भी पुलिस ने गंभीर धाराओं में आरोपी बनाया है। जबकि दो दिन पहले ही नाबालिग विकास के करीबी अमर दुबे के साथ शादी करके बिकरू पहुंची थी।

नाबालिग को इतनी बड़ी घटना में मुख्य आरोपी बनाने पर शुरू से ही सवाल उठाए जा रहे हैं। अभिलेखों के अनुसार कोर्ट ने उसे नाबालिग माना है। उसकी सुनवाई किशोर न्याय बोर्ड में चल रही है। किशोर न्याय बोर्ड में बयान दर्ज कराने आए इंस्पेक्टर कृष्ण मोहन राय उसे गिरफ्तार करने के बाद पहली बार मिले थे। जैसे ही नाबालिग ने इंस्पेक्टर को सामने देखा तो बोर्ड से इजाजत मांग कर कुछ सवाल किए।

उसने इंस्पेक्टर से कहा कि सर आप तो भरोसा देकर ले गए थे कि उसे कुछ नहीं होगा फिर इतने बड़े मामले में आरोपी बनाकर जिंदगी बर्बाद कर दी। आपने तो कहा था कि तुम्हारा क्या कसूर है, आपकी शादी दो दिन पहले ही हुई है। ऐसी बातें करने के बाद आपने जेल भेज दिया। कुछ जानकारी हासिल करने के बाद घर तक छोड़ने का वादा करके आप ले गए थे। नाबालिग की बातें सुनकर इंस्पेक्टर ने गर्दन नीचे कर ली। इसके बाद उसकी तरफ सिर उठाकर देखा तक नहीं। नाबालिग के सवालों से वहां मौजूद हर कोई खामोश हो गया।

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