रायगढ़। रागी की सेहतभरी खुबियों का लाभ आंगनबाड़ी के माध्यम से बच्चों को देने की शुरूआत जिले में की गई है। अब इसकी आम लोगों की आसान पहुंच बनाने व रागी से निर्मित विभिन्न प्रकार के फूड व स्नेक आईटम के स्वाद लेने का मौका लोगों को जल्द मिलने जा रहा है। इसके लिए मिलेट कैफे की शुरूआत की जाएगी। उक्त बातें कलेक्टर श्री भीम सिंह ने आज महिला बाल विकास विभाग के द्वारा रागी से तैयार किए गए फूड आइटम की प्रदर्शनी में कही। उन्होंने कहा कि रागी छत्तीसगढ़ के पहाड़ी इलाकों में निवासरत लोगों के खानपान का एक प्रमुख हिस्सा रहा है।
शासन द्वारा छत्तीसगढ़ में रागी के साथ कोदो, कुटकी जैसे मोटे अनाज को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा रायगढ़ में रागी के रकबे में विस्तार के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे है। रायगढ़ में रागी की प्रोसेसिंग यूनिट भी लगाई गई है। जिससे रागी को प्रोसेस कर उसका आटा तैयार किया जा रहा है।
पिछले दिनों उड़ीसा से आए एनजीओ के प्रशिक्षकों द्वारा इससे लड्डू के साथ अन्य प्रकार के व्यंजन तैयार किए जाने की टे्रनिंग दी गई थी। जिसके आधार पर रागी को लोगों के बीच चावल या गेहूं जैसे प्रचलित अनाज के एक विकल्प के रूप में उपलब्ध कराने के लिए जल्द ही मिलेट कैफे की शुरूआत की जाएगी। जहां पर रागी से बने फूड आइटम जैसे रागी से बने केक, इडली, अप्पे, लड्डू व अन्य दूसरी मिठाईयां के साथ छत्तीसगढ़ी व्यंजन ठेठरी, खुरमी, तिखुर, सलोनी चखने और खरीदने को मिलेगी।
आज प्रदर्शनी में महिला समूहों ने ये सभी आईटम तैयार किए थे। कलेक्टर श्री भीम सिंह ने प्रदर्शनी के अवलोकन के दौरान रागी से तैयार विभिन्न व्यंजनों को देखकर महिला समूहों की सराहना करते हुए कहा कि रागी से इतने प्रकार के आईटम तैयार करना महिलाओं की क्रियेटिविटी को दिखाता है।
ये सभी व्यंजन पौष्टिक होने के साथ-साथ स्वादिष्ट भी है। इसको एक उचित मंच देने के लिए मिलेट कैफे की शुरूआत की जाएगी। इस दौरान सीईओ जिला पंचायत डॉ.रवि मित्तल, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती नम्रता डोंगरे, महिला बाल विकास अधिकारी श्री टी.के.जाटवर, ईई पीएचई श्री संजय सिंह सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।